शिव महापुराण की कथा सुनने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के वाहन खड़े करने के लिए वीआइपी सहित चार पार्किंग जोन तैयार किए जा रहे हैं। वीआइपी वाहन पार्किंग कथा पंडाल से 150 मीटर दूर बनेगी। वहीं आम लोगों के लिए मडरोली मोड और हेलीपैड के पास बनाई जाएंगी। पार्किंग निर्माण का काम शुरू हो गया है।
श्रोताओं के लिए तीन पाण्डाल की व्यवस्था
मंदिर के प्रवक्ता जलज त्रिपाठी ने बताया बैठने के लिए तीन पंडाल तैयार किए जा रहे हैं। तीनों पंडालों की कुल चौड़ाई 350 फीट और लंबाई 600 फीट(करीब दो लाख वर्ग मीटर) रहेगी। इसके अलावा कथा में साधु-संत शामिल होंगे। उनके रूकने के लिए 50 अस्थायी आवास और 80 से अधिक शौचालय बनाए जा रहे हैं।
गांवों में होगी लोगों के ठहरने की व्यवस्था
धाम के महंत रामदास ने प्रेसवार्ता में पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया पं प्रदीप मिश्रा की कथा में पांच लाख तक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। उसी के अनुसार पंडाल बनाई जा रही है। लोगों के रुकने के लिए महंत महामंडलेश्वर ने दंदरौआधाम के आसपास मौजूद चिरौल, सेंथरी, मडरोली, नेनौली, कतरौल आदि गांवों में अनाउंसमेंट कराते हुए ग्रामीणों से कहा कि कथा सुनने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को अपने घर में रुकने के लिए जगह दें।
ताकि उन्हें कोई परेशानी न हो। इसके साथ ही ग्वालियर, मेहगांव, गोहद और भिंड में भी श्रद्धालुओं और महंत के रुकने की व्यवस्था कराई जा रही है। 27 नवंबर को महंत का जन्मदिन है। इसके दूसरे दिन 28 से 2 दिसंबर तक कथा का आयोजन किया जाएगा। कथा में पारीक्षत इटाया की साधना अखिलेश तिवारी को बनाया गया है।