जिला पंचायत अध्यक्ष कामना सिंह भदौरिया के पास ऐसी दर्जनों शिकायतें पहुंची तो उन्होंने जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को पत्र लिखा। इसके बावजूद जिला पंचायत में कोई हलचल नहीं हुई है। भिंड के वर्ग एक, दो और तीन के बड़ी संख्या में संविदा शाला शिक्षक शिकायतें कर रहे हैं पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
यह भी पढ़ें: एमपी में दो दिन की छुट्टी की घोषणा, 30 नवंबर और 1 दिसंबर के अवकाश के आदेश जारी
शिक्षक संवर्ग में संविलियन न होने से संविदा शिक्षकों को आर्थिक घाटा हो रहा है। संविदा शिक्षक वर्ग एक को नौ हजार, वर्ग दो को सात हजार और वर्ग तीन के संविदा शिक्षकों को महज पांच हजार रुपए मानदेय के रूप में मिल रहे हैं। इससे परिवार का भरण-पोषण करने में कठिनाई हो रही है।
शिक्षक संवर्ग में संविलियन न होने से संविदा शिक्षकों को आर्थिक घाटा हो रहा है। संविदा शिक्षक वर्ग एक को नौ हजार, वर्ग दो को सात हजार और वर्ग तीन के संविदा शिक्षकों को महज पांच हजार रुपए मानदेय के रूप में मिल रहे हैं। इससे परिवार का भरण-पोषण करने में कठिनाई हो रही है।
शासकीय एकीकृत माध्यमिक व़िद्यालय पृथ्वीपुरा के वर्ग तीन के एक संविदा शाला शिक्षक का सहायक अध्यापक संवर्ग में संविलियन का प्रस्ताव 12 सितंबर 2022 को जिला पंचायत कार्यालय पहुंच चुका है, लेकिन अब तक उस पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है। कुछ ऐसा ही केस शासकीय प्राथमिक विद्यालय पनौआ के एक संविदा शिक्षक का है। उनका अध्यापक संवर्ग में संविलियन के प्रस्ताव पर जिलास्तरीय छानबीन समिति की बैठक में मंजूरी दी जा चुकी है, लेकिन निराकरण नहीं हो पाया। ऐसे ही कई मामले शासकीय प्राथमिक विद्यालय मानहड़, खेरिया सिंध, पिपरौआ और पड़रैया के भी लंबित हैं।
एक महिला संविदा शाला शिक्षक तो अपनी व्यथा बताते हुए रो पड़ीं। संविदा शिक्षक ने बताया कि उनकी पुत्री 12वीं उत्तीर्ण कर चुकी है। पढ़ने-लिखने में मेधावी होने के बावजूद आर्थिक तंगी के कारण उसे आगे नहीं पढ़ा पा रही हैं। ऐसे अनेक संविदा शिक्षक अपने परिवार का पालन-पोषण करने में आर्थिक तंगी से लाचारी झेल रहे हैं।
भिंड की जिला पंचायत अध्यक्ष कामना सिंह भदौरिया बताती हैं कि प्रक्रिया सुस्त तो है पर हमारे संज्ञान में मामला आने पर सीइओ को पत्र लिखा। उन्होंने आश्वासन दिया है कि चार-पांच लोगों की जांच और पूरी होनी है। इसके बाद एक साथ सभी शिक्षकों के आदेश जारी कर दिए जाएंगे।