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भिंड

जानें नबालिग बच्चों के लिए कैसे मददगार हो रहा 1098 नंबर

गुम हुए बच्चों को उनके परिजनों से मिलाने और यौन शोषण से बचाने के लिए नजीर बनी चाइल्डलाइन

भिंडFeb 21, 2022 / 01:18 pm

Abdul Sharif

जानें नबालिग बच्चों के लिए कैसे मददगार हो रहा 1098 नंबर

जानें नबालिग बच्चों के लिए कैसे मददगार हो रहा 1098 नंबर

अब्दुल शरीफ भिण्ड. चाइल्डलाइन संस्था का टोल फ्री 1098 नंबर नाबालिग बच्चों के लिए बेहद मददगार साबित हो रहा है। दरअसल साढ़े नौ साल में गुम हुए 1000 बच्चों को तलाश कर चाइल्डलाइन ने उनके परिजनों तक पहुंचाने का काम किया है। लावारिश हाल में मिले बच्चों को संरक्षण देने तथा कानूनी रूप से जागरुक करने के क्षेत्र में भी चाइल्डलाइन संस्था अहम किरदार अदा कर रही है।
भिण्ड में चाइल्डलाइन के डायरेक्टर शिवभान सिंह राठौर के अनुसार यौनशोषण, बाल मजदूरी आदि में फंसे बच्चों द्वारा टोल फ्री 1098 नंबर डायल करते ही उनकी मदद के लिए टीम लोकेशन पर पहुंच जाती है। इतना ही नहीं बच्चों का शोषण करने वालों पर कार्रवाई की जिम्मेदारी का निर्वहन भी चाइल्डलाइन टीम निभाती आ रही है। वहीं टीम के सदस्य बच्चों को गुड-टच व बैड टच के बारे में समय-समय पर जानकारी देकर जागरुक करते आ रहे हैं। साथ ही उन्हें कानूनी रूप से भी अपडेट करने का काम कर रहे हैं।
— ५० बच्चे कराए बालश्रम से मुक्त और 50 से ज्यादा यौनशोषण के मामलों में आरोपियों पर कराई कार्रवाई
उल्लेखनीय है कि चाइल्डलाइन संस्था की सेवा 05 सितंबर 2012 से शुरू की गई। भिण्ड में टीम के संचालक शिवभान सिंह राठौर सहित कुल 10 सदस्य हैं जिनमें तीन महिलाएं छह पुरुष शामिल हैं। विदित हो कि अभी तक संस्था द्वारा गुम हुए 1000 करीब बच्चों को उनके परिजनों से मिलाने का काम किया गया है। वहीं श्रम विभाग के सहयोग से 50 से ज्यादा बच्चों को बालश्रम से मुक्त कराया। इतना ही नहींं यौनशोषण का शिकार हुए 50 बच्चों के मामलों में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई कराने में भी चाइल्डलाइन ने अग्रणी भूमिका अदा की है। इसी प्रकार करीब एक दर्जन बाल विवाह रुकवाकर चाइल्डलाइन टीम ने नाबालिग बच्चों का भविष्य बचाने का काम किया है।
— गांव एवं शहर के मोहल्लों में ओपन हाउस कार्यक्रम आयोजित कर बच्चों को कर रहे जागरुक
विदित हो कि चाइल्डलाइन टीम के उपेंद्र व्यास, प्रबल सिंह, अन्नू तोमर, साधना तोमर, अनमोल चतुर्वेदी व आकाश शर्मा आदि सदस्य न केवल शहर के मोहल्लों में बल्कि गांव स्तर पर भी ओपन हाउस कार्यक्रम कर बच्चों को जागरुक कर रहे हैं। नाबालिग बच्चों को व्यवहारिक ज्ञान के अलावा संकट कालीन समय में किस तरह मदद ली जा सकती है। तथा टोल फ्री 1098 नंबर कैसे डायल किया जाता है तथा नंबर कैसे याद रखा जा सकता है आदि जानकारियों से अवगत कराया जा रहा है।
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