बताया जा रहा है कि, ये मामला शहर में स्थित कामाख्या अस्पताल की बिलिंग से जुड़ा है। अस्पताल के संचालक आशुतोष शर्मा ने बताया कि, भिंड के एमपीईबी दफ्तर में जूनियर इंजीनियर पद पर पदस्थ अरुण सैनी पिछले दिनों उनके अस्पताल पहुंचे थे। उनके हात में एक बिल था, जिसका हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि, ये आपके अस्पताल का बकाया बिल है। मैने बिल देखा तो वो कामाख्या अस्पताल का ही था, जिसकी राशि 1 लाख 24 हजार के करीब थी। इसपर मेरी ओर से बिल की बकाया राशि जमा करने की स्वीकृति दे दी गई।
यह भी पढ़ें- नवरात्र मेले में गरबा के बजाय फिल्मी गानों पर अश्लील डांस, बैठकर देखते रहे महापौर और MIC सदस्य, VIDEO
बिल जमा करने की सेहमति दी लगाया बिजली चोरी का आरोप
अस्पताल संचालक आशुतोष शर्मा के अनुसार, क्योंकि बिल उन्हीं के अस्पताल का था, जिसपर उनकी ओर से तत्काल जमा करने की बात कही गई, लेकिन जेई अरुण सैनी ने उनपर चोरी की बिजली से अस्पताल की लाइट जलाने का आरोप लगा दिया। आशुतोष के अनुसार, जेई को समजाने का प्रयास किया गया कि, जब मैं इसका बिल जमा कर रहा हूं तो चोरी की बिजली जलाने की बात कहां से आ गई। इसपर जेई द्वारा कुछ तस्वीरों का हवाला देते हुए कहा गया कि, अगर 50 हजार रुपए दे देते हो तो ठीक, वरना संबंधित तस्वीरों के जरिए तुम्हारे खिलाफ ढाई लाख रुपए बिजली चोरी का केस दर्ज करा दिया जाएगा।
रिश्वत लेते धराया JE
इसके बाद अस्पताल संचालक आशुतोष शर्मा ने मामले की शिकायत EOW ग्वालियर पुलिस अधीक्षक से इस संबंध में शिकायत की गई कि, भिंड के विद्युत विभाग में कार्यरत जूनियर इंजीनियर अरुण सैनी उनसे 50 हजार रुपए रिश्वत की मांग कर रहा है। मामले को गंभीरता से लेते हुए ग्वालयर EOW की एक टीम गठित की गई। साथ ही, आरोपी जूनियर इंजीनियर की घेराबंदी कर गुरुवार को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। अब टीम द्वारा सब इंजीनियर अरुण सैनी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है।