परिवार का मानना है कि शायद मगरमच्छ रात के अंधेरे में घुस आया होगा। सुबह घर के मालिक प्रह्लाद पुत्र राम भरोसे के घर वालों ने जब मगरमच्छ को घर के अंदर परिवार के लोगों के बीच बैठा देखा तो वो सभी घबरा गए। बताया जा रहा है कि मगर अनाज भंडार करने की टिन की टंकी के पीछे बैठा हुआ था।
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जैसे ही मगरमच्छ की मौजूदगी की खबर वन विभाग को लगी तुरंत वन परिक्षेत्र अधिकारी बसंत शर्मा के नेतृत्व में एक रेस्क्यू टीम रुपावई गांव पहुंची। टीम ने एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद मगरमच्छ को काबू में किया, तब कहीं जाकर मगरमच्छ का रेस्क्यू किया जा सका। फिलहाल, रेस्क्यू टीम ने मगर को भिंड जिले से गुजरने वाली चंबल नदी के बरही घाट से नदी में छोड़ दिया।
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वन विभाग की टीम की मानें तो जिस गांव से मगरमच्छ रेस्क्यू किया गया है, वहां से आसपास कोई बड़ी नदी नहीं है, लेकिन फिर भी मगर गांव में कैसे आया ? इस पर विभाग के अधिकारी ठोस वजह नहीं बता रहे हैं। हालांकि, स्थानीय लोगों का मानना है कि दो साल पहले सिंध और चंबल में भीषण बाढ़ आई थी, जिसमें कई मगर दूसरी नदियों में घुसकर भटक गए थे। शायद ये भी उन्हीं भटके हुए मगरमच्छों में से एक होगा।