अटेरघाट पुल बनने के बाद बरसात के पहले और बाद में भी हल्के चार पहिया वाहन अवैध तरीके से निकलने लगे थे, लेकिन अब सेतु निगम ने उस रास्ते को खुदवाकर आवागमन अवरुद्ध कर दिया है। दो पहिया वाहनों के लिए भी रास्ता बंद है, लेकिन एक साइड में पैदल निकलने वाली जगह से बाइक सवार भी रिस्क पर निकल रहे हैं। पुल का कार्य पूरा हो जाने के बाद यहां कोई स्टॉफ नहीं रहता, इसलिए रोकने-टोकने वाला कोई नहीं।
यह भी पढ़ें: एमपी में मृत भाभी सपने में आई तो देवर ने खोद डाली कब्र, जानें अल्लाह के आदेश का पूरा सच…
यह भी पढ़ें: मंत्री-अफसरों के सामने आएंगे नाम! सौरभ शर्मा-चेतन गौर पर ईडी ने भी कसा शिकंजा
यह भी पढ़ें: मंत्री-अफसरों के सामने आएंगे नाम! सौरभ शर्मा-चेतन गौर पर ईडी ने भी कसा शिकंजा
अटेर क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांवों के लोग रिश्तेदारी और कारोबार के लिहाज से उत्तरप्रदेश पर निर्भर हैं। इसलिए छोटी-छोटी खरीदारी के लिए भी उत्तरप्रदेश के जैतपुर एवं बाह आते-जाते हैं। ऐसे लोग परेशान हो रहे हैं। पैदल चलकर पुल तक करीब दो किमी का रास्ता तय करते हैं। उसके बाद एक किमी का पुल पार करते हैं। तब यूपी की सीमा में टमटम उपलब्ध होती है।
पुल से यूपी में जैतपुर की दूरी महज पांच से सात किलोमीटर है, किराया 20-30 रुपए तक वसूला जा रहा है। बाह की दूरी 25 किमी होने पर किराया 40-50 रुपए तक लिया जा रहा है।
बरसात के पहले और बाद में भी हल्के चार पहिया वाहन भी अवैध तरीके से निकलने लगे थे, लेकिन अब सेतु निगम ने उस रास्ते को खुदकवाकर अवरुद्ध कर दिया है। दो पहिया वाहनों के लिए भी रास्ता बंद है, लेकिन एक साइड में पैदल निकलने वाली जगह से बाइक सवार भी रिस्क पर निकल रहे हैं।
यह भी पढ़ें: Ladli Behna Awas Yojana – एमपी में लाड़ली बहनों को 1 लाख 30 हजार रुपए देने की योजना पर बड़ा अपडेट जनवरी में अस्थाई आवागमन भी हो जाएगा बंद
चंबल के नए पुल को सामान्य यातायात के लिए खोलने में सन 2026 में बरसात तक का समय लग सकता है। अस्थाई आवागमन भी अगले माह से बंद करवा दिया जाएगा। करीब 900 मीटर का नया पक्का पुल बन जाने के बाद यातायात के लिए खोलने से पहले परीक्षण में यह तथ्य सामने आया कि बाढ़ में यह सुरक्षित नहीं है। इसलिए एक और एप्रोच पुल मप्र की सीमा में बनाया जाना है। जनवरी में कभी भी शिलान्यास करवाया जा सकता है। काम शुरू होते ही निर्मित हो चुके पुल से भी यातायात पूरी तरह रोक दिया जाएगा। 400 मीटर का नया पुल करीब 43 करोड़ रुपए की लागत से स्वीकृत हुआ है।
चंबल के नए पुल को सामान्य यातायात के लिए खोलने में सन 2026 में बरसात तक का समय लग सकता है। अस्थाई आवागमन भी अगले माह से बंद करवा दिया जाएगा। करीब 900 मीटर का नया पक्का पुल बन जाने के बाद यातायात के लिए खोलने से पहले परीक्षण में यह तथ्य सामने आया कि बाढ़ में यह सुरक्षित नहीं है। इसलिए एक और एप्रोच पुल मप्र की सीमा में बनाया जाना है। जनवरी में कभी भी शिलान्यास करवाया जा सकता है। काम शुरू होते ही निर्मित हो चुके पुल से भी यातायात पूरी तरह रोक दिया जाएगा। 400 मीटर का नया पुल करीब 43 करोड़ रुपए की लागत से स्वीकृत हुआ है।
सेतु निगम के ईई, जोगेंद्र यादव बताते हैं कि नए संपर्क पुल के लिए टेंडर होकर अनुबंध हो चुका है। जनवरी में कभी भी शिलान्यास करवाया जा सकता है। निर्माण एजेंसी इसकी तैयारी में जुटी है।
फैक्ट फाइल
120 करोड़ रुपए की लागत से बना है चंबल का नया पुल।
900 मीटर से अधिक है नए पुल की लंबाई।
1 साल पहले बनकर तैयार हो चुका है नया पुल।
25 किमी दूरी कम हो जाएगी भिंड से बाह की।
400 मीटर का नया संपर्क पुल बनने के बाद होगा चालू।
नए संपर्क पुल की लागत 43 करोड़ रुपए।
18-20 माह का समय लगेगा नया पुल बनने में।
2 साल तक अस्थाई आवागमन भी हो सकता है बंद।
120 करोड़ रुपए की लागत से बना है चंबल का नया पुल।
900 मीटर से अधिक है नए पुल की लंबाई।
1 साल पहले बनकर तैयार हो चुका है नया पुल।
25 किमी दूरी कम हो जाएगी भिंड से बाह की।
400 मीटर का नया संपर्क पुल बनने के बाद होगा चालू।
नए संपर्क पुल की लागत 43 करोड़ रुपए।
18-20 माह का समय लगेगा नया पुल बनने में।
2 साल तक अस्थाई आवागमन भी हो सकता है बंद।