बोरेश्वर गांव में स्थित होने के कारण मंदिर का नाम पड़ गया बोरेश्वर महादेव मंदिर- भिंड के शिवमंदिरों में अटेर के बोरेश्वर महादेव मंदिर का सबसे अहम स्थान है. बोरेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों की सुबह से ही भीड़ लगी है. बोरेश्वर गांव में स्थित होने के कारण मंदिर का नाम बोरेश्वर महादेव मंदिर पड़ गया।
चर्चा की जाती है कि भूतों ने मिलकर इस मंदिर को महज एक ही रात में तैयार कर दिया -इस बोरेश्वर महादेव मंदिर शिवमंदिर में जिले का सबसे बड़ा शिवलिंग है। मंदिर के बारे में किवदंती है कि इस मंदिर को भूतों ने बनाया था. चर्चा की जाती है कि भूतों ने मिलकर इस मंदिर को महज एक ही रात में तैयार कर दिया था. हालांकि जिला पुरातत्व विभाग के अनुसार हकीकत कुछ अलग है. जिला पुरातत्व विभाग के अनुसार इस मंदिर का निर्माण गुर्जर प्रतिहार और गुप्त राजवंश ने कराया था. पुरातत्व विभाग के अधिकारियों के अनुसार यह मंदिर 10वीं शताब्दी का बताया जाता है.
मंदिर के शिवलिंग से जुडा एक राज तो आज भी अनसुलझा है. यहां प्रसाद के साथ चावल चढ़ाने का रिवाज है। श्रद्धालुओं के अनुसार इस रिवाज के साथ भी एक अनोखा तथ्य है. कहा जाता है कि इस शिवलिंग को आज तक कोई भी श्रद्धालु चावलों से पूरा नहीं ढंक सका है। शिव मंदिर की ऊंचाई 125 मीटर है, जाे कोणीय आकार का है।