मामले की जांच में जुटी पुलिस का कहना है कि नगर परिषद दबोह के कंप्यूटर ऑपरेटर पवन सविता और सहायक ग्रेड-3 राघवेंद्र सिंह भदौरिया ने धोखाधड़ी करके सीएम कन्या विवाह योजना के साथ साथ अन्य योजाओं का पैसा अपने रिश्तेदारों के खातों में ट्रांसफर कर लिया था। ये कार्य 28 मार्च 2022 से 30 सितंबर 2022 के बीच किया गया। कुछ लोगों ने इसकी शिकायत कलेक्टर से की थी। इसके बाद कलेक्टर की ओर से जांच के आदेश जारी हुए थे।
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जांच प्रतिवेदन में नगर परिषद के दोनों कर्मचारी प्रारंभिक तौर पर दोषी पाए गए हैं। इसपर मुख्य नगरपालिका अधिकारी प्रमोद बरुआ ने दबोह थाना पुलिस को शिकायती आवेदन देकर प्रकरण दर्ज कराया। पुलिस ने एफआईआर के समर्थन में मुख्य नगरपालिका अधिकारी से दस्तावेज मांगे हैं। इसलिए शनिवार को अवकाश के दिन भी नगरपालिका में आवश्यक जानकारी जुटाई गई। हालांकि, सीएमओ का कहना है कि 11 लाख रुपए की राशि प्रारंभिक तौर पर सामने आई है, पुलिस की जांच में यह राशि और ज्यादा या कम भी हो सकती है। मामला अब पूरी तरह से पुलिस के हाथों में सौंप दिया गया है।
पिछले साल अगस्त-सितंबर में ही नगर परिषद आलमपुर में जीवित व्यक्तियों को मृत बताकर संबल योजना सहित कन्या विवाह योजना में लाखों रुपए की हेरफेर का मामला सामने आ चुका है, जिसमें दो कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधाड़ी एवं कूटरचना का प्रकरण दर्ज है। इनाम भी घोषित है, लेकिन अब तक फरार आरोपी कर्मचारी गिरफ्तार नहीं हो सके हैं। वहीं पिछले दिनों नगरपालिका भिण्ड में भी संबल के नाम पर महिला को गुमराह कर राशि कर्मचारी द्वारा निकाल लेने का मामला सामने आया है।
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मामले को लेकर दबोह नगर परिषद के सीएमओ प्रमोद बरुआ ने बताया कि, इस मामले में कुछ महीने पहले कलेक्टर को शिकायत मिली थी, जिसकी जांच करवाई गई थी। जांच में नगर परिषद के दो कर्मचारी पवन सविता व राघवेंद्र सिंह भदौरिया प्रारंभिक तौर पर धोखाधड़ी के आरोपी पाए गए हैं। एफआईआर दर्ज करवा दी गई है, अब पूरा मामला पुलिस के पाले में है।