प्रदेश के लगभग सभी शहरों की तरह मरम्मत के नाम बीते कुछ दिनों से बिजली कटौती की मार झेल रहे भिंड जिला अस्पताल भी शुक्रवार को अंधेरे में डूबा मिला। पीआईसीयू (पीडियाट्रिक इंटेंशिव केयर यूनिट) जैसे संवेदनशील वार्ड में भी बिजली गुल होने से चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टॉफ को मोबाइल टॉर्च का उजाला कर मरीजों का उपचार करना पड़ रहा है। बताते चलें कि पीआईसीयू में इस समय 27 छोटे बच्चे भर्ती हैं।
मरीजों ने बयां की पीड़ा
-उमस और गर्मी ने किया बेहाल
7 वर्षीय मासूम बच्चे हर्ष की मां का कहना है कि चारों ओर से बंद वार्ड में बिजली गुल होने के कारण उमस और गर्मी ने बेहाल कर दिया है। हालात ये हैं कि, पूरे वार्ड में भर्ती मरीज और उनके परिजन तक हाथ से पेपर-कागज की मदद से पंखा झल रहे हैं, बावजूद इसके गर्मी से राहत नहीं मिल पा रही।-‘UPS बैकार, सोलर या जनरेटर भी नहीं’
इलेक्ट्रिशियन मान सिंह का कहना है कि अस्पताल का यूपीएस काम नहीं कर रहा है। यहां सोलर पैनल, जनरेटर भी नहीं है। हालांकि, इनवर्टर की व्यवस्था है, जो सुबह 9 बजे शुरु किया गया था, लेकिन 11 बजे वो भी बंद हो गया। पूछने पर अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि वो भी खराब हो गया है। पीआईसीयू में कई बच्चे भर्ती हैं, जिनका गर्मी से बुरा हाल है।-मोबाइल टॉर्च की रोशनी में जारी इलाज
महावीर गंज निवासी लता ने बताया कि लाइट न होने के कारण डॉक्टर सामान्य तौर पर मरीजों का उपचार तक नहीं कर पा रहे हैं। गंभीर मरीजों का उपचार मोबाइल टॉर्च की रोशनी से करना पड़ रहा है। यह भी पढ़ें- सावधान! यहां तेजी से फैल रहा डायरिया, 3 दिन में सामने आए रिकॉर्ड मरीज, स्वास्थ विभाग अलर्ट