बता दें कि, फसल को आवारा जानवरों से बचाने के लिए किसानों ने अपने खेत पर बाढ़ लगा दी है। जिस बाढ़ के किनारे पर 7 गोवंश मरे मिले हैं। उल्लेखनीय है कि, एक गौशाला 27 लाख और दूसरी 38 लाख रुपए की लागत से बनाकर उनका संचालन शुरू कराया गया था, लेकिन संचालन के नाम पर भ्रष्टाचार ही यहां सामने आ रहा है।
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गौशालाओं में हो रहा भ्रष्टाचार!
इसके पीछे कारण ये है कि, गौशालाओं के अंदर एक भी गाय नहीं है, जबकि उनके लिए चारे और दूसरे के नाम पर हजारों रुपए महीने की दर से खर्च दर्शाया जा रहा है। हालांकि इस मामले में जांच के बाद दोषी पाए जाने पर प्रशासनिक अधिकारियों ने संबंधित के खिलाफ कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया गया है।
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फसलों को नुकसान पहुंचा रहा आवारा गोवंश
बता दें कि, मेहगांव इलाके में 272 शालाएं बनवाई गई हैं। बावजूद इसके इलाके में आवारा गोवंश बड़ी मात्रा में देखने को मिल रहे हैं, जिससे किसान भी परेशान हैं किसानों को रात के समय फसल की रखवाली के लिए अपने खेतों पर सोने को मजबूर होना पड़ रहा है।