स्वामी जीतानंद आम लोगों की तरह गृहस्थ जीवन में परिवार के साथ जीवन व्यतीत कर रहे थे। उन्होंने बताया कि वर्ष 2002 में प्रेरणा जागी तो योग की ओर बढ़ गए। साधना और योग के निरंतर अभ्यास से खुद के 150 योगाशन खोजे और लोगों को योग की शिक्षा देने लगे। 65 वर्ष की उम्र में भी बाबा रामदेव की तरह देश के अलग-अलग राज्यों में शिविर लगाकर लोागें को योग से जोड़ रहे हैं।