उन्होंने कहा कि देश में कार्बन क्रेडिट के मुद्रीकरण के लिये डेयरी क्षेत्र में प्रथम बार की गई इस प्रकार की पहल दुग्ध उत्पादकों के लिये अतिरिक्त आय सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि गोबरधन योजना के अन्तर्गत दुग्ध उत्पादको को चूल्हे के लिये गैस, खेत के लिये खाद और कार्बन क्रेडिट के रूप में अतिरिक्त आय मिल रही है।
शाह ने लाभार्थी को सौंपा चैक
अमित शाह ने मंगलवार को गुजरात के आणंद में एनडीडीबी के टी. के. पटेल सभागार में एनडीडीबी के हीरक जयन्ती वर्ष और त्रिभुवन दास पटेल की जयन्ती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में यह सम्बोधन दिया। इस अवसर पर उन्होंने राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फैडरेशन की प्रबन्ध संचालक श्रुति भारद्वाज और भीलवाड़ा की दुग्ध उत्पादक लाभार्थी माया देवी कुमावत को कार्बन क्रेडिट का चैक भेंट किया। यह भी पढ़ें
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बायोगैस संयंत्र के मिल रहे ये फायदे
फैडरेशन की प्रबन्ध संचालक श्रुति भारद्वाज ने बताया कि एनडीडीबी के सहयोग से भीलवाड़ा दुग्ध में पशुपालकों की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से छोटी क्षमता के बायोगैस संयंत्र लगवाए गए है। इन बायोगैस संयंत्रों के माध्यम से दुग्ध उत्पादकों की रसोई गैस की जरुरत के साथ-साथ खेतों के लिये उच्च गुणवत्ता का जैविक खाद भी उपलब्ध हो जाता है। अब इससे एक कदम और आगे बढ़कर बायोगैस प्लान्टों के माध्यम से मिथेन उत्सर्जन द्वारा कार्बन क्रेडिट्स अर्जित किये जा सकते हैं जिसकी अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में अच्छी कीमत मिलती है। इसी कार्बन क्रेडिट के ऐवज में अमित शाह द्वारा भीलवाड़ा के दुग्ध उत्पादकों को पहली किस्त दी गई है। उन्होंने कहा कि राईजिंग राजस्थान के दौरान भी आरसीडीएफ द्वारा एनडीडीबी और सुजुकी आर एण्ड डी सेंटर इण्डिया के बीच एक कम्प्रेस्ट बायोगैस संयंत्र स्थापित करने के लिये साझेदारी की जावेगी जो सतत उर्जा को की आपूर्ति बढ़ायेगा। उन्होंने कहा कि राज्यभर में 10 हजार से अधिक फलैक्सी बायोगैस संयंत्र लगाकर दुग्ध उत्पादकों की अतिरिक्त आय सुनिश्चित की जाएगी।