इन समस्याओं के खिलाफ यातायात पुलिस व नगर परिषद ने अब तक सख्ती नहीं दिखाई है। सरकार की करोड़ों रुपए की जमीन पर कुछ मैकेनिक या कार विक्रेता अपनी कारें खड़ी रखते हैं। शहर में कई जगह सड़क किनारे कार बाजार लगते हैं, जहां कारों की खरीद-फरोख्त होती है।
शहर के सभी प्रमुख बाजार में जहां जगह मिली, वही चौपहिया वाहनों को कतारबद्ध खड़ा कर कार बाजार बना दिया गया है। नगर विकास न्यास व नगर परिषद को किराए का करोड़ों रुपए का आर्थिक नुकसान हो रहा है। मैकेनिक या विक्रेता इन कारों को बेचकर जेब भर रहे हैं। इससे अन्य लोगों को भी अतिक्रमण करने का मौका मिलता है। भीलवाड़ा में मुख्य रूप से चित्तौड़ रोड, अजमेर रोड, सांगानेर रोड, प्रतापनगर स्कूल के आगे कार बाजार है। सुखाडि़या सर्किल समेत अन्य जगहों पर मैकेनिक दर्जनों कारों को खड़ा कर रखा है। लेकिन यातायात पुलिस इन कारों की सजावट करने वालों को चेतावनी तक नहीं देती है। इनके खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं होती।
यातायात हो रहा बाधित
सड़क पर अस्त-व्यस्त पार्क किए चौपहिया वाहनों से यातायात बधित हो रहा है। पुराने वाहनों के विक्रेता की ओर से सड़क पर हर कार-बाजार में लगभग 15-20 कारें खड़ी की जा रही है। इससे मार्ग अवरूद्ध होता है। इससे आए दिन ट्रैफिक जाम रहती है। उन्हें वहां से हटवाया तक नहीं जाता है। कई वाहन नो-पार्किंग में खड़े रहते हैं फिर भी कार्रवाई नहीं करते हैं। ऐसे वाहनों को टोइंग कर हटाने के लिए यातायात शाखा के पास कोई वाहन तक नहीं है। सड़क सुरक्षा सप्ताह भी समाप्त हो गया लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी।
अभियान चलाया जाएगा
शहर में कई जगह पर कार बाजार चल रहे हैं। इनके खिलाफ सख्त अभियान चलाया जाएगा। इन कारों को हटाया जाएगा या जगह का किराया लिया जाएगा।
हेमाराम चौधरी, आयु्क्त नगर परिषद