जानकारी के अनुसार इटावा गांव के बलाइयों के मोहल्ले में बनी पानी की टंकी में किसी ने कीटनाशक दवा डाल दी। इस टंकी का पानी पीने से करीब दो दर्जन से अधिक लोगों को पेट मे दर्द व उल्टियां होने लगी। घटना का पता पानी मे सफेद झाग आने पर लगा। लोगों की सूचना पर कोटड़ी थाना पुलिस, जलदाय विभाग व चिकित्सा विभाग की टीम मौके पर पहुंची। बीसीएमओ राकेश पण्ड्या चिकित्सक कन्हैया लाल यादव राजेश मीणा की अगुवाई में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग की टीम ने गांव का दौरा कर बीमार लोगो का इलाज किया। पानी की टंकी के पास खरपतवार नष्ट करने की दवा का खाली पैकेट बरामद किया। टीम ने 13 लोगों को कोटड़ी चिकित्सालय में उपचार के लिए भर्ती कराया गया। भीलवाड़ा से भी एक चिकित्सा टीम डिप्टी सीएमएचओ घनश्याम चंदेल के साथ कोटडी अस्पताल पहुची और मरीजो के हाल जाने। थाना अधिकारी भंवर सिंह गौड़ ने बताया कि इटावा गांव की पानी की टंकी में रात के समय किन्हीं अज्ञात व्यक्तियों ने कीटनाशक मिला दिया। जिसका पीने से गांव के कई लोग बीमार हो गए। ग्रामीणों की सूचना पर तहसीलदार सुनील चौहान भी मौके पर पहुंचे।
एएनएम एपीओ
घटना के बाद ग्रामीणों ने इसकी सूचना पर गहूंली उप स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत नर्स को दी। लेकिन उसने अधिकारियों के आदेश के बिना नहीं आने की बात कही। ग्रामीणों के आक्रोश के बाद एएनएम गीता मीणा को एपीओ कर दिया गया है। घटना से ग्रामिणो मे भारी रोष व भय व्याप्त हो गया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर अनुसंधान प्रारंभ किया। कोटड़ी थानाप्रभारी भंवर सिह के अगुवाई में पुलिस टीम पुरे मामले की गहनता से जांच कर रही है।
ये हुए बीमार
विषाक्त पानी के सेवन से इटावा के बलाइयों का झोपड़ा निवासी बाली देवी बलाई, मगनी देवी बलाई, हीरू बलाई, रतनलाल बलाई, लालाराम बलाई, शंकर लाल बलाई, मांगी देवी बलाई, काना बलाई, प्रह्लाद बलाई, लाली बलाई, गंगा बलाई, छोटू लाल, सुमित्रा देवी बलाई को अस्पताल में भर्ती करवाया गया। वही गांव के एक दर्जन लोगों का स्थानीय स्तर पर प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।
विषाक्त पानी के सेवन से इटावा के बलाइयों का झोपड़ा निवासी बाली देवी बलाई, मगनी देवी बलाई, हीरू बलाई, रतनलाल बलाई, लालाराम बलाई, शंकर लाल बलाई, मांगी देवी बलाई, काना बलाई, प्रह्लाद बलाई, लाली बलाई, गंगा बलाई, छोटू लाल, सुमित्रा देवी बलाई को अस्पताल में भर्ती करवाया गया। वही गांव के एक दर्जन लोगों का स्थानीय स्तर पर प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।