भीलवाड़ा

राजस्थान: Article 370 की बौखलाहट! श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा तोड़ी, सिर को धड़ से किया अलग

राजस्थान के भीलवाड़ा में जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी ( Syama Prasad Mukherjee ) की प्रतिमा तोड़ने का मामला सामने आया है। मुखर्जी की प्रतिमा तोड़े जाने को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 ( Jammu Kashmir Article 370 ) हटाने से जोड़कर भी देखा जा रहा है।

भीलवाड़ाAug 12, 2019 / 03:15 pm

Nakul Devarshi

भीलवाड़ा।
राजस्थान के भीलवाड़ा में जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी ( Syama Prasad Mukherjee ) की प्रतिमा तोड़ने का मामला सामने आया है। ज़िले के शाहपुरा के उम्मेद सागर चौराहे पर लगी मुख़र्जी की प्रतिमा को असामाजिक तत्वों ने तोड़ दिया जिससे स्थानीय लोगों और भाजपा कार्यकर्ताओं में भारी रोष है। मुखर्जी की प्रतिमा तोड़े जाने को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 ( jammu kashmir Article 370 ) हटाने से जोड़कर भी देखा जा रहा है।
 

जानकारी के मुताबिक़ सागर चौराहे पर एक छोटे से सर्किल में लगी श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा को अज्ञात लोगों ने तोड़ दिया। इसका पता सोमवार सुबह लोगों को पता चला। प्रतिमा का सिर धड़ से अलग टूटा हुआ ज़मीन पर गिरा हुआ था।
 

इधर, श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति को तोडने की घटना से भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं में आक्रोश है। जानकारी होने पर भाजपाई नेताओं ने पुलिस से अज्ञात लोगों को गिरफ्तार करने की मांग की।
 

अनुच्छेद 370 हटने के बाद घटना
दरअसल, भीलवाड़ा में मुखर्जी की प्रतिमा तोड़े जाने को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने से जोड़कर भी देखा जा रहा है। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद इस तरह की पहली घटना है। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने की मांग सबसे पहले जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने ही की थी।
 

मुखर्जी अपने जीवन के अंतिम क्षणों तक संघर्ष करते रहे। पिछले दिनों ही केन्द्र की मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाकर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की तब की मुहीम को पूरा किया है। देश में एक विधान, एक निशान व एक प्रधान का सपना भी मुखर्जी ने देखा था।

हालांकि अभी ये साफ़ नहीं हो पाया है कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा क्षतिग्रस्त करने के पीछे कौन से असामाजिक तत्व हैं और किस मंशा से इस घटना को अंजाम दिया गया है। फिलहाल पुलिस स्थानीय लोगों के बयानों के आधार पर प्रतिमा क्षतिग्रस्त किये जाने वालों तक पहुँचने की कोशिश कर रही है।
जाने कौन थे श्यामा प्रसाद
भारतीय इतिहास में दर्ज डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ( Dr. Shyama Prasad Mukherjee ) वो महान नेता थे जिन्होंने भारतीय जनसंघ की स्थापना की थी। जनसंघ ही आज बीजेपी के नाम से जाना जाता है। उन्हें आज भी एक प्रखर राष्ट्रवादी और कट्टर देशभक्त के रूप में याद किया जाता है। 6 जुलाई, 1901, कोलकाता ( Kolkata ) में जन्में श्यामा प्रसाद मुखर्जी का व्यक्तित्व ऐसा था कि वे मृत्यु के बाद भी वे अपने सिद्धांतों के लिए याद किए जाते हैं। इतिहासकारों के मुताबिक, उनका एक नारा सबसे प्रबल माना जाता था वो था “एक देश में दो विधान, दो निशान और दो प्रधान, नहीं चलेगा- नहीं चलेगा।”
 

अनुच्छेद 370 जब जम्मू कश्मीर में लागू होने वाला था तो डॉ. मुखर्जी ने उसका बहुत विरोध किया था। इस अनुच्छेद के तहत भारत सरकार से बिना परमिट लिए कोई भी जम्मू-कश्मीर में प्रवेश नहीं कर सकता था। डॉ. मुखर्जी इस प्रावधान के हमेशा खिलाफ रहे। वे जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर हमेशा अडिग रहे। उनका मानना था कि जम्मू एवं कश्मीर भारत का एक अविभाज्य हिस्सा है।
 

डॉ. श्यामा प्रकाश मुखर्जी तत्कालीन सरकार के इस फैसले के खिलाफ थे कि जम्मू-कश्मीर में परमिट जाने के लिए परमिट होना ज़रूरी है। 11 मई, 1953 में सरकार का विरोध करते हुए वे जम्मू-कश्मीर में प्रवेश करने लगे इसपर शेख अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार ने उन्हें हिरासत में ले लिया। उन्हें हिरासत में लेकर नज़रबंद कर दिया और गिरफ्तारी के कुछ दिनों बाद 23 जून, 1953 को रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गई। उनकी मृत्यु का खुलासा आज तक नहीं हो पाया।

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