भीलवाड़ा

फिर भी छात्रा के नहीं बढ़े नंबर, अब परीक्षा को लेकर असमंजस

मेडिकल छात्रा ने विश्वविद्यालय से पूछा कि पूरक परीक्षा के लिए आवेदन करूं या नहींनम्बर कम करने के मामले में जांच कमेटी ने प्रोफेसर को दोषी माना था

भीलवाड़ाJul 09, 2021 / 07:23 pm

Suresh Jain

फिर भी छात्रा के नहीं बढ़े नंबर, अब परीक्षा को लेकर असमंजस

भीलवाड़ा।
भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज में प्रथम वर्ष की एक छात्रा को बदनीयती से फेल करने तथा काट-छांटकर नम्बर कम देने के मामले में असमंजस की स्थिति हो गई है। इस मामले में कालेज की जांच कमेटी के दोषी मानने के बाद प्रोफेसर को तत्काल निलम्बित कर दिया गया। लेकिन छात्रा के नम्बर नहीं बढ़ाए गए है। ऐसे में परेशान छात्रा ने राजस्थान हेल्थ एवं विज्ञान विश्वविद्यालय से पूछा है कि वह पूरक परीक्षा के लिए आवेदन करें या नहीं। लेकिन उसे अब तक कई जवाब नहीं मिला। इधर गुरूवार से कॉलेज में परीक्षा के लिए आवेदन भरना शुरू हो गया। इस सम्बन्ध में उसने जिला कलक्टर को भी पत्र भेजा है।
प्रेक्टिकल में काट-छांट कर दिए कम नंबर
छात्रा ने आरोप लगाया था कि कॉलेज के बायोकेमिस्ट्री के प्रोफेसर शंकर मनोहर पंवार उसे परेशान करते थे। पंवार ने उसके मोबाइल नंबर ले लिए और उसे वाट्सएप पर मैसेज भेजने लगे। छात्रा ने अनदेखी की तो उसे धमकाने लगे और फेल करने की धमकी दी। फिर बदनीयती से पंवार ने उसकी प्रेक्टिकल शीट में कांट-छांट कर नम्बर कम कर दिए और उसे प्रथम वर्ष में फेल कर दिया। छात्रा ने इस बारे में 19 मई को प्रिंसीपल को शिकायत की तो इसकी जांच के लिए कमेटी बनी।
गत 26 मई को कमेटी ने जांच में माना कि प्रो. शंकर मनोहर पंवार ने बदनीयती से प्रेक्टिकल के नंबरों में काट-छांट की। इसके बाद राज्य सरकार ने पंवार को 27 मई को निलम्बित कर दिया। छात्रा का आरोप है कि पंवार को निलंबित कर मुख्यालय भरतपुर कर दिया, लेकिन पंवार यहीं पर रहकर जांच को प्रभावित कर रहे हैं। छात्रा का कहना है कि अभी तक स्पष्ट नहीं है कि मामले के खुलासे के बाद उसे पास किया गया है या फेल। यदि वह फेल है तो फिर पूरक परीक्षा के लिए आवेदन करना होगा।
पीडि़ता के कोर्ट में बयान
इसी घटनाक्रम को लेकर छात्रा द्वारा प्रोफेसर और प्रिंसिपल के खिलाफ दर्ज छेड़छाड़ और उसे कम नम्बर देने के मामले में सुभाषनगर थाना पुलिस भी जांच में जुटी हुई है। थानाप्रभारी पुष्पा कासौटिया ने बताया कि पीडि़ता के धारा १६४ के तहत अदालत में बयान हो चुके है। मेडिकल कॉलेज की जांच कमेटी के बयान बाकी है। कमेटी में छह सदस्य है। इनमें से कुछ के बयान हो चुके है। कुछ बाहर होने से बयान देने नहीं आ पाए। मामले की जांच चल रही है।

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