जिले के मंगरोप थाना क्षेत्र में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। परिजनों की मर्जी के बिना शादी रचाकर गई युवती को मरा बताकर मां-बाप ने शोक पत्रिका बंटवा दी। यह शोक पत्रिका दो दिन से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। शोक पत्रिका में बेटी के पीहर पक्ष की ओर से गौरणी (मृत्युभोज) 13 जून को सुबह नौ बजे रखा गया है। यह शोक पत्रिका वैसे ही छपवाई गई जैसे किसी के निधन हो जाने पर छपवाई जाती है।
यह था मामला-
मंगरोप थाना क्षेत्र में रहने वाले परिजनों ने नाबालिग बेटी का विवाह भीलवाड़ा के सदर थाना क्षेत्र के एक गांव में तय किया था। दोनों परिवारों में विवाद के बाद रिश्ता तोड़कर युवती के माता-पिता ने अन्य जगह रिश्ता तय कर दिया, लेकिन युवती जिसके साथ पहले रिश्ता तय था, उसी से शादी करना चाहती थी। परिजन नहीं माने। इस पर युवती 17 मई को हमीरगढ़ में एक बैंक के बाहर मोपेड खड़ी कर युवक के साथ भाग गई। परिजनों ने हमीरगढ़ थाने में गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया था। वहीं युवक के परिजनों ने सदर थाने में रिपोर्ट दी।
मंगरोप थाना क्षेत्र में रहने वाले परिजनों ने नाबालिग बेटी का विवाह भीलवाड़ा के सदर थाना क्षेत्र के एक गांव में तय किया था। दोनों परिवारों में विवाद के बाद रिश्ता तोड़कर युवती के माता-पिता ने अन्य जगह रिश्ता तय कर दिया, लेकिन युवती जिसके साथ पहले रिश्ता तय था, उसी से शादी करना चाहती थी। परिजन नहीं माने। इस पर युवती 17 मई को हमीरगढ़ में एक बैंक के बाहर मोपेड खड़ी कर युवक के साथ भाग गई। परिजनों ने हमीरगढ़ थाने में गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया था। वहीं युवक के परिजनों ने सदर थाने में रिपोर्ट दी।
जिसके साथ भागी पुलिस ने उसी के साथ भेजा-
हमीरगढ़ पुलिस युवती की तलाश कर रही थी। इस बीच युवती जिसके साथ भागी उसके साथ 1 जून को सदर थाने में पेश हो गई। युवती बालिग थी। उसने युवक के साथ जानी की इच्छा जताई। परिजनों ने समझाइश भी की। युवती ने परिजनों के साथ जाने से इनकार कर दिया। इससे युवती के माता-पिता आहत हो गए। उन्होंने बेटी को मरा बताकर सम्बंध तोड़ लिए।
हमीरगढ़ पुलिस युवती की तलाश कर रही थी। इस बीच युवती जिसके साथ भागी उसके साथ 1 जून को सदर थाने में पेश हो गई। युवती बालिग थी। उसने युवक के साथ जानी की इच्छा जताई। परिजनों ने समझाइश भी की। युवती ने परिजनों के साथ जाने से इनकार कर दिया। इससे युवती के माता-पिता आहत हो गए। उन्होंने बेटी को मरा बताकर सम्बंध तोड़ लिए।
गौरणी (मृत्युभोज) करने का ठाना-
परिजनों ने बेटी का जीते जी पीहर पक्ष की ओर से गौरणी करना तय किया। उन्होंने एक जून से 13 जून तक पूरे बारह दिन तय किए। उसके बाद 13 जून को गौरणी तय की। शोक पत्रिका छपवाई। उसमें 13 जून को ग्रामीणों और परिचितों को आमंत्रित किया।
परिजनों ने बेटी का जीते जी पीहर पक्ष की ओर से गौरणी करना तय किया। उन्होंने एक जून से 13 जून तक पूरे बारह दिन तय किए। उसके बाद 13 जून को गौरणी तय की। शोक पत्रिका छपवाई। उसमें 13 जून को ग्रामीणों और परिचितों को आमंत्रित किया।