भीलवाड़ा। बाल संरक्षण आयोग सदस्य शैलेंद्र पांडिया शनिवार को भीलवाड़ा आए। पालड़ी स्थित बाल संप्रेक्षण गृह का निरीक्षण किया। बंदी बच्चों की दिनचर्या जानी। बच्चों में रचनात्मकता बढ़ाने के लिए अफसरों से कहा। पालना गृह में छोड़े शिशुओं को देखा और कर्मियों से जानकारी ली। बाल कल्याण समिति अध्यक्ष गिरिश पांडेय मौजूद थे। शैलेंद्र पांडिया ने कहा कि भीलवाड़ा में बाल विवाह, डाम और अन्य कुरीतियों को लेकर बाल कल्याण समिति सदस्यों से बात की है। इस जानकारी को राज्य आयोग की बैठक में रखेंगे। हम बाल अपराध रोकने को त्वरित कार्रवाई करते हैं। मगर अंधविश्वास के प्रति लोगों को जागरूक होना पड़ेगा। बाल अपराध में कार्रवाई नहीं होने के सवाल पर कहा कि इसका मुख्य कारण सूचना में देरी और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का अभाव है। जब तक अपराधी को कठोर दंड नहीं मिलेगा तब तक सुधार नहीं होगा। बाल संप्रेक्षण गृह से बच्चों के भागने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम इसमें प्रयास कर रहे हैं कि बच्चों की सही तरीके से काउंसलिंग की जाए ताकि अपराधिक रवैये में सुधार हो।