कोतवाली प्रभारी डीपी दाधीच के अनुसार, महाश्रमण के चातुर्मास में देश के विभिन्न हिस्सों से लोग भीलवाड़ा आ रहे हैं। दाधीच जाप्ते के साथ सोमवार रात तेरापंथ नगर में गश्त कर रहे थे। जाप्ता तड़के चार बजे समेलिया फाटक अंडरब्रिज पहुंचा। तभी जैन मुनि के दर्शनार्थी बाइक सवार एक महिला व पुरुष ने पुलिस को सूचना दी कि समेलिया फाटक से हरणी महादेव रोड मार्ग पर एक जीप में दो-तीन जने बैठे हैं जबकि तीन महिलाएं बाहर खड़ी हैं। एक महिला ने हाथ का इशारा कर उनको रोकने का प्रयास किया। बाइक नहीं रोकने पर जीप सवार लोग उतरकर दौड़े व बाइक पर रस्सी फेंककर रोकने की कोशिश की। इससे बाइक सवार गिरते-गिरते बचे और भाग आए। ये लोग दर्शन के लिए आने वालों के साथ वारदात कर सकते हैं।
पुलिस ने बंद की लाइट, शिकारी हो गए शिकार
सूचना पर पुलिस ने जीप की लाइट बंद कर दी और हरणी महादेव की ओर जाने लगे। अंधेरे में सड़क पर खड़ी महिलाओं ने पुलिस जीप को रोकने का इशारा किया। पुलिस ने उनके पास पहुंच घेराबंदी की व तीन महिलाओं समेत छह जनों को हिरासत में लिया। तलाशी में एक व्यक्ति के पास गुप्ती व चाकू मिला। एक के पास रस्सी और टार्च। एमपी पॉसिंग की गाड़ी जब्त कर आरोपियों को थाने लाए। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि महाश्रमण के दर्शन के लिए आने वालों के साथ डकैती की नीयत से वहां खड़े थे।
सूचना पर पुलिस ने जीप की लाइट बंद कर दी और हरणी महादेव की ओर जाने लगे। अंधेरे में सड़क पर खड़ी महिलाओं ने पुलिस जीप को रोकने का इशारा किया। पुलिस ने उनके पास पहुंच घेराबंदी की व तीन महिलाओं समेत छह जनों को हिरासत में लिया। तलाशी में एक व्यक्ति के पास गुप्ती व चाकू मिला। एक के पास रस्सी और टार्च। एमपी पॉसिंग की गाड़ी जब्त कर आरोपियों को थाने लाए। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि महाश्रमण के दर्शन के लिए आने वालों के साथ डकैती की नीयत से वहां खड़े थे।
ये हुए गिरफ्तार
पुलिस ने रोहित सोनारकर, अतीश सोनारकर, शंकर प्रधान, लताकिशन साकते, नीतू उर्फ निशा सोनारकर तथा शशिकला उर्फ शशन सोनारकर को गिरफ्तार किया। यह सभी मध्यप्रदेश के इंदौर जिले के रहने वाले हैं। ये लोग महिलाओं के साथ जरिए राहगीरों को रोकते और उनके साथ डकैती की मंशा थी। हालांकि इससे पहले ही हत्थे चढ़ गए।
पुलिस ने रोहित सोनारकर, अतीश सोनारकर, शंकर प्रधान, लताकिशन साकते, नीतू उर्फ निशा सोनारकर तथा शशिकला उर्फ शशन सोनारकर को गिरफ्तार किया। यह सभी मध्यप्रदेश के इंदौर जिले के रहने वाले हैं। ये लोग महिलाओं के साथ जरिए राहगीरों को रोकते और उनके साथ डकैती की मंशा थी। हालांकि इससे पहले ही हत्थे चढ़ गए।