जिनिशा की सफलता उन सभी दिव्यांग बच्चों के लिए प्रेरणा है जो अपनी शिक्षा और जीवन में आगे बढ़ना चाहते हैं तथा उनका दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत निश्चित रूप से उन्हें भविष्य में भी सफलता दिलाएंगे। वही वही जिनिशा ने बताया कि वो 4 से 5 घंटे रोजाना पढ़ाई करती थी एवं आगे जाकर अध्यापक बनना चाहती है। स्कूल निदेश मनोहर सिंह चुंडावत ने बताया कि छात्रा जिनिशा कोठारी ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए सभी विषयों में 100 अंक अर्जित कर प्रथम स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर आशा सैनी, शांता जैन, कृष्णा राठौड़, घनश्याम वैष्णव, राकेश जीनगर, कोमल हरवानी, हिमांशी सिंह, सीमा शर्मा, विद्यालय समिति अध्यक्ष ज्ञानचंद हरवानी सहित अन्य स्टाफ ने जिनिशा का मुंह मीठा कराया।