सबसे पहले मिले बिजौलिया के कृषक भगवानलाल धाकड़ बोले, किसानों से किए वादे कभी पूरे नहीं हुए। कर्जा माफी सिर्फ घोषणा पत्र में ही रह गई। देवीगिरी गोस्वामी का कहना था कि सेंडस्टोन की खदानों में मंदी है। रोजगार नहीं मिल रहा है युवा बाहर जाने को मजबूर हैं। पास खड़े भंवरलाल बोले, खनन संभावित क्षेत्र की घोषणाओं से किसान परेशान हैं। काफी बड़ी भूमि से जुड़े हजारों किसानों को मालिकाना हक नहीं मिल रहा है। यशवंत पुंगलिया का कहना था कि खनन हादसे देखते हुए यहां ट्रॉमा अस्पताल होना चाहिए। मुख्य सडक़ पर मिले व्यवसायी सत्यप्रकाश वैष्णव ने बताया कि मांडलगढ़ व बिजौलिया को शाहपुरा जिले में शामिल किया जा रहा है, जिसका काफी विरोध है। अस्पताल में डॉक्टर, कॉलेज में लेक्चरार और कस्बे में रोजगार नहीं हैं। पास बैठे कैलाशचंद्र व्यास बोले, मांडलगढ़ में तालाब से पानी सप्लाई हो रही है। गंदला पानी आता है। सफाई हो तो बात बने। बीगोद पहुंचा तो वहां जैविक खेती से जुड़े अब्दुल भाई कहते हैं कि हम संतरे सहित तमाम फल-सब्जी उगा रहे पर यहां जैविक उपज मंडी नहीं है। भाई मोहम्मद लोहार बोले, हम बीगोद से पूरे प्रदेश में कृ षि उपकरण बनाकर भेज रहे हैं, लोहा मंडी बने तो लाभ मिले।
आइसक्रीम पिघलने नहीं देते…पलायन से पिघल रहा दिल, धार्मिक पर्यटन की दरकार
शाहपुरा पहुंचा तो पाया कि नया जिला बना शाहपुरा अभी तक रामनिवास धाम के कारण धार्मिक नगरी की पहचान रखता है। एग्रीकल्चर व्यवसायी सुनीलकुमार शहर ने ट्रांसपोर्ट विकास को जरूरी बताया। रिटायर्ड लेक्चरार पुखराज जोशी बोले, यहां से वही चुनाव जीते जो रोजगार के बारे में कुछ कर पाए। सेवानिवृत्त सहायक कृषि अधिकारी रज्जाक मोहम्मद ने कृषि मंडी बनाने की मांग रखी तो मोबाइल व्यवसायी अभिषेक पारीख ने रेल सेवा को जरूरी बताते हुए कहा कि यहां अतिक्रमण और बार-बार जाम लगने की भी समस्या है। बीएससी नर्सिंग की छात्रा लवली सोनी जो भीलवाड़ा पढऩे जाती हैं, का कहना था कि यहां मेडिकल-इंजीनियरिंग कॉलेज आने चाहिए, जिससे युवा यहीं पढ़ सकें। रेडियोलॉजी छात्र आदित्य सोनी ने बताया कि यहां अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन लगी है, पर चलाने वाला कोई नहीं।
बामनवास ने ‘हाकिम’ दिए भरपूर, अफसरशाही में मशहूर…विकास से दूर
थोड़ा और सफर तय करके मैं जहाजपुर पहुंचा। जहाजपुर के साइकिल व्यवसायी भंवरसिंह सोलंकी ने बताया कि माइनिंग के क्षेत्र में यहां असीम संभावनाएं हैं। इससे जुड़े उद्योग लग जाएं तो रोजगार की समस्या खत्म हो जाए। दवा व्यवसायी प्रशांत अग्रवाल का कहना था कि किसानों के लिए मंडी का विकास होना चाहिए। व्यवसायी मनोज अग्रवाल बोले, जहाजपुर की गंगा कहलाने वाली नागदी नदी के कुंड नष्ट हो गए। बारहदेवरा मंदिर का विकास नहीं हो रहा है।