भीलवाड़ा

सूदखोरों के डर से रफीक कई दिन ऑफिस ही नहीं गया

Rafiq did not go to office for many days due to fear of usurers. भीलवाड़ा तहसील कार्यालय का सहायक कर्मचारी रफीक मोहम्मद भी सूदखोरों के चुंगल में फंसा हुआ है, जाल में उलझ कर वह अभी तक बारह लाख रुपए दे चुका है

भीलवाड़ाJun 29, 2021 / 10:54 am

Narendra Kumar Verma

Rafiq did not go to office for many days due to fear of usurers.


भीलवाड़ा। सूदखोरों की जड़े सरकारी महकमों में भी गहराई हुई है। कलक्ट्रेट स्थित भीलवाड़ा तहसील कार्यालय का सहायक कर्मचारी रफीक मोहम्मद भी सूदखोरों के चुंगल में फंसा हुआ है, उसका कसूर महज इतना है कि उसने रूपए तो उधार नहीं लिए लेकिन एक साथी को ब्याज पर राशि दिलवाने के लिए उसका गारंटर जरूर सूदखोरों के सामने बन गया, इसी गारंटी के जाल में उलझ कर वह अभी तक बारह लाख रुपए दे चुका है, इसके बावजूद उसे मुक्ति नहीं मिल सकी। हालात यह है कि सूदखोर अब कार्यालय में पहुंच कर उसे धमका दे रहे है, उनसे बचने के लिए रफीक कई बार तहसील कार्यालय में नौकरी करने भी नहीं गया। Rafiq did not go to office for many days due to fear of usurers at bhilwara
शहर एवं जिले में सूदखोरों का जाल ब्याज पर रुपए देने के नाम पर अब लोगों की जिन्दगियों से खेलने लगा है। पांच वर्ष के भीतर जिले में कई लोग मूल चुकाने के बाद उसके ब्याज के कर्ज में इस कदर डूबे की उनका सबकुछ बर्बाद हो गया। सूदखोरों के इस जाल में जिले के कई सरकारी कर्मचारी भी जकड़े हुए है। इनमें शामिल मारूति नगर निवासी रफीक मोहम्मद इन दिनों डर की जिन्दगी जी रहा है। सूदखोर घर से लेकर कार्यालय में पहुंच कर रुपए का तकाजा करने के लिए डरा धमका रहे है।
सरकारी लोन लेकर चुकाई रकम
रफीक बताता है कि उसके ही साथ सरकारी विभाग में काम कर चुके सहकर्मी को उसने ब्याज पर चौदह लाख रुपए सूदखोरों से दिलवाए। साथी का गारंटर भी वही बना,लेकिन साथी के समय रहते एक भी रुपया नहीं चुकाने पर सूदखोरों ने उस पर ही शिकंजा कस दिया। सूदखोरों को रुपए चुकाने के लिए उसने सरकारी लोन लिया, यह राशि सूदखोरों को दे दी, ब्याज का भुगतान भी वह करते आ रहा है, इसके बावजूद सूदखोर प्रताडि़त कर रहे है। दिन में कई बार फोन कर बकाया राशि व ब्याज देने के लिए धमका रहे है।
सम्मन तामिल करने से रोका
रफीक की पीड़ा है कि वह तहसील कोर्ट के सम्मन तामिल करवाता है, कई बार उसके सम्मन के कागजात भी छीनने की कोशिश की गई। सूदखोरों के भय से वह कई बार तहसील पर काम करने ही नहीं गया और दूर गांव में छिपा रहा। मोबाइल की घंटी बजते ही अनचाहे भय से कांप उठता है। उसका कहना है कि जिस साथी की मदद के लिए वह गारंटर बना वो भी अब उसकी मदद नहीं कर रहा है।
दे चुका थाने में रिपोर्ट व ज्ञापन
रफीक ने बताया कि पुलिस अधीक्षक व संबधित पुलिस थानों को भी वह रिपोर्ट दे चुका है। हाल ही 7 जून 2021 को जिला कलक्टर के नाम भी ज्ञापन दे कर सांगानेर रोड क्षेत्र के सूदखोरों से मुक्ति दिलाने व उसकी सुरक्षा करने की मांग की है। राजनीतिक दलों से भी उसने मदद की गुहार की है।

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