राजस्थान के गेहूं को सेहतमंद मानकर पंजाब और हरियाणा के हजारों लोग मंगवाते हैं। वहां की उपज में अत्यधिक कीटनाशक इस्तेमाल हो रहे हैं। इससे लगातार कैंसर का खतरा बढ़ रहा है। दरअसल, उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कुछ सालों से पंजाब-हरियाणा के किसान रासायनिक खाद व कीटनाशक का अंधाधुंध इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे वहां अनाज की गुणवत्ता खराब होती जा रही है। ऐसे अनाज से लोगों में कैंसर सहित कई गंभीर बीमारियों का खतरा भी मंडराने लगा है। पंजाब और हरियाणा में कैंसर मरीजों के आंकड़े का तेजी से बढऩे का कारण भी लोग ज्यादा कीटनाशकों का इस्तेमाल किए गेहूं को मान रहे हैं।
ज्यादा दाम देकर खरीदते : राजस्थान के गेहूं को अन्य राज्यों के लोग ज्यादा दाम देकर मंगवाते हैं। प्रमुख कारण राजस्थान के लोग देश में कई हिस्सों में फैले हुए हैं। ऐसे में उनकी पहली पसंद राजस्थान का गेहूं होता है। इन्हें देखकर दूसरे लोग भी हमारा गेहूं पसंद करने लगे हैं।
गोबर की खाद का ज्यादा इस्तेमाल
राजस्थान के अधिकतर किसान देसी गोबर की खाद का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि इसमें उत्पादन थोड़ा कम होता है। अन्य राज्यों के किसान रासायनिक खाद व कीटनाशक दवा से बंपर उत्पादन पाते हैं। राजस्थान के गेहूं से बनी रोटियां व व्यंजन स्वादिष्ट होते हैं। इसलिए राजस्थान के गेहूं की अन्य राज्यों में मांग ज्यादा है।
अन्य राज्यों में इसलिए मांग ज्यादा
&हमारे गेहूं की पंजाब, हरियाणा, गुजरात, महाराष्ट्र समेत विभिन्न राज्यों में ज्यादा डिमांड है। लोग हर साल यहां का गेहूं मंगवाते है। इसका प्रमुख कारण हमारे यहां के गेहूं की अच्छी गुणवत्ता व अच्छा स्वाद का होना है। दूसरे राज्यों का गेहूं में कीटनाशकों व रासायनिक खादों का अधिक प्रयोग होना है।
शिव गगरानी, प्रदेश उपाध्यक्ष, राजस्थान खाद्यान्न व्यापार संघ
&हमारे यहां किसान जैविक खेती करते हैं तो उत्पादन 25 से 30 फीसदी तक कम होता है। सरकार को जैविक खेती को बढ़ावा देना चाहिए। जैविक खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करना चाहिए। इसके लिए योजनाओं को धरातल पर उतारना होगा। ऐसा नहीं होने पर एक दिन हमारे हालात भी पंजाब-हरियाणा की तरह भयावह हो जाएंगे।
बद्रीलाल तेली, जिलाध्यक्ष, भारतीय किसान संघ