गुलाबपुरा थाना पुलिस ने एफएसएल और एमओबी टीम को मौके पर बुलाकर साक्ष्य जुटाए। देर शाम पोस्टमार्टम करवा कर शव परिजनों को सौंप दिया गया।
थानाप्रभारी गजराज चौधरी के अनुसार हनुमानगढ़ निवासी संदीप मीणा हुरड़ा तहसील कार्यालय में पटवारी पद पर तैनात था। संदीप का दिसम्बर में जयपुर से हुरड़ा तबादला हुआ था। तहसील कार्यालय में रात में चौकीदार नहीं था। चॉबी किसी सुरक्षित स्थान पर रखी जाती है। माना जा रहा है कि देर रात संदीप ने वहां से चॉबी निकाल कर कार्यालय खोल लिया। तहसील कार्यालय के एक कमरे में आत्महत्या कर ली। सुबह वहां पहुंचे चालक पूरणमल शव देखकर हतप्रभ रह गया। बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए। सूचना पर तहसीलदार श्वेता चौधरी, डीएसपी लोकेश मीणा व थानाप्रभारी चौधरी वहां पहुंचे। इसकी सूचना परिजनों को दी। पुलिस ने शव को गुलाबपुरा मोर्चरी में रखवाया। मृतक के पास डायरी व शराब की बोतल मिली। माना जा रहा है कि आत्महत्या से पूर्व पटवारी ने शराब पी। डायरी में सुसाइड नोट मिला। उसमें परिवार को आत्महत्या का जिम्मेदार बताया।
मामा ने उकसाया आत्महत्या के लिए, तीन के खिलाफ मामला दर्ज
सीआई चौधरी ने बताया कि मृतका की पत्नी शिल्पा मीणा ने आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला जगदीश मीणा और जगदीश के दो बेटों के खिलाफ दर्ज कराया। सीआई चौधरी ने बताया कि पटवारी संदीप का आरोपी जगदीश मामा लगता है। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि संदीप और जगदीश ने पेट्रोल पम्प लगाया। संदीप सरकारी कर्मचारी होने से उसने जगदीश के बेटे के नाम आवंटन कराया। बाद में जगदीश और उसके बेटों के मन में फितूर आ गया। उसने संदीप को हिस्सा देने से मना कर दिया। तकाजा करने पर कई बार संदीप का उनसे झगड़ा भी हुआ। इससे संदीप अवसाद में आ गया और उसने आत्महत्या जैसा कदम उठाया।