आसीन्द-दौलतगढ़ मार्ग पर शुक्रवार रात घाघर घाटी के पास पैंथर दिखने से राहगीरों व चालकों की सांस अटक गई, खेतों में मौजूद ग्रामीणों को पैंथर के क्षेत्र में होने की जानकारी हुई तो वे हाथों में लाठियां थामे एकजुट हो गए। इन सबके बीच पत्रिका संवाददाता ने हिम्मत जुटाई और सड़क पर दहशत के साए के रूप में मौजूद पैंथर का फोटो कैमरे में क्लिक कर लिया।
READ: बांसड़ा में चोरी का विरोध करने पर युवक को मारा चाकू पत्रिका संवाददाता ने बताया, वे दोस्त दिनेश सोनी, वीरेन्द्र वैष्णव, गोविंद लक्षकार व मुकेश कुमावत के साथ रात करीब दस बजे कार से गांव की तरफ जा रहे थे कि घाघर घाटी के पास अचानक एक पैंथर सड़क पर नजर आया। पैंथर को देख कर सभी के हाथ पैर फूल गए, लेकिन हिम्मत किसी ने नहीं हारी। कुछ देर सड़क पर नजर आने के बाद पैंथर अंधेरे में खो गया। पैंथर के जाने के बावजूद सड़क की दूसरी तरफ किसी की जाने की हिम्मत नहीं हुई।
READ: श्रमिकों को बंधक बनाकर काम करवाने व अत्याचार की शिकायत, प्रशासन ने दर्ज किए श्रमिकों के बयान दूसरे छोर पर मौजूद बाइक सवार भी दहशत से कांप उठे। उनकी मदद की गई और उन्हें वहां से निकलवाया गया। इसी बीच ग्रामीणों को क्षेत्र में पैंथर की मौजूदगी होने की जानकारी पर वे भी सुरक्षा के लिए हाथों में लाठी थाम आ गए।
पहले भी दिखते रहे हैं पैंथर
यह पहला मौका नहीं हैं, जब यहां पैंथर दिखा हो। यहां पहले भी पैंथर दिखाई देते रहे हैं। इस क्षेत्र में पैंथर की घूमता रहा है। बदनौर के जंगलों से निकले पैंथर यहां तक आ जाते हैं।
यह पहला मौका नहीं हैं, जब यहां पैंथर दिखा हो। यहां पहले भी पैंथर दिखाई देते रहे हैं। इस क्षेत्र में पैंथर की घूमता रहा है। बदनौर के जंगलों से निकले पैंथर यहां तक आ जाते हैं।
एमजी के दस चिकित्सक हुए प्रोफेसर राजस्थान मेडिकल एज्युकेशन सोसायटी ने एमजीएच के दस चिकित्सकों को मेडिकल कॉलेज में एसोसियेट प्रोफसर व प्रोफसर पद पर नामित किया है। ये एमजीएच में भी चिकित्सा सेवा देते रहेंगे। इनमें डॉ.एसपी आगीवाल, सुशीला आगीवाल, मंजू मुछाल, अंजू कोचर,सुनील उपमन्यू, एचएस सहवाल, विनोद जीनगर, रीटा वर्मा, ओपी आगाल और राधेश्याम श्रोत्रिय शामिल है।