पत्रिका ने दस माह पहले छेड़ी मुहिम : जनता की समस्या को दी आवाज
राजस्थान पत्रिका ने रेलवे फाटक बार-बार बंद होने और जनता की परेशानी को लेकर 10 माह पहले मुहिम छेड़ी। एक और ओवरब्रिज बनाने की मांग और जनता की आवाज बनकर खबरों के माध्यम से सरकार और प्रशासन के सामने दमदार तरीके आरओबी की जरूरत समझाई। ओवरब्रिज की मांग लेकर आंदोलन खड़ा किया। अभियान से जनता ही साथ बल्कि साधु-संत और राजनीतिक व सामाजिक संगठन भी जुड़े। सबने मांग पुरजोर तरीके से उठाई। इसके लिए पत्रिका ने पिछले साल 25 दिसम्बर को क्रिसमस पर कंट्रोल रूम के सामने हस्ताक्षर अभियान भी चलाया। इसमें सैकड़ों लोगों ने हस्ताक्षर कर मुहिम आगे बढ़ाई।
अजमेर आरओबी पर पहले से दबाव, साठ हजार वाहन रोज निकल रहे
अजमेर चौराहे के निकट आरओबी पर पहले से वाहनों का भारी दबाव है। इससे प्रतिदिन साठ हजार वाहन गुजरते हैं। फाटक बंद होने और जाम लगने पर लोग करीब एक किलोमीटर चलकर ओवरब्रिज से गुजरना पड़ता है। इससे वहां भी कई बार जाम के हालात बनते हैं। खासतौर से फाटक बंद होने पर एम्बुलेंस और दमकल को आवाजाही में परेशानी होती है जबकि इनका रेस्पोंस टाइम गिना जाता है। ओवरब्रिज वाहनों के आगमन को लेकर सार्वजनिक निर्माण विभाग ने सर्वे भी किया था। इसमें पाया था कि सर्वाधिक 26 हजार हजार वाहन आरओबी से गुजरते हैं। नए ओवरब्रिज बनने के बाद इस आरओबी पर वाहनों का दबाव घटेगा।
कम्पनी के मुकरने से बने हालात, परिषद के बाद अब न्यास का जिम्मा
नगर परिषद और एक कम्पनी के बीच करार के अनुसार कम्पनी को रामधाम के निकट ओवरब्रिज बनाना था।एनजीटी की रोक का हवाला देकर कम्पनी ने एक कदम आगे नहीं बढ़ाया। ऐसे में नगर परिषद इस पर काम नहीं कर पाई। अब नया ओवरब्रिज बनाने का जिम्मा नगर विकास न्यास पर आ गया।
पांच वजह, जो बताएगी-क्यों चाहिए नया ओवरब्रिज
1. दो भागों में बंट रहे भीलवाड़ा शहर के वासियों के आगमन का रेलवे फाटक प्रमुख मार्ग
2. अजमेर ओवरब्रिज पर पहले से वाहनों का भारी दबाव
3. रेलवे फाटक के पास अंडरपास में पानी भरने पर परेशानी
4. मुरली विलास रोड, साबुन मार्ग और गंगापुर तिराहे पर दिन में कई बार जाम
5. बीस से अधिक ट्रेन का प्रतिदिन आगमन। हर बार सात से दस मिनट फाटक बंद