एसओजी की टीम ने जांच में दोषी मिल रहे आरोपियों के खातों की जांच की तो सामने आया कि कुछ युवकों ने मिलकर आईसीआईसीआई बैंक में खाता खुलवाया था, जिसमें परिवादी दीपक से 19 अप्रेल को पांच लाख रुपए जमा करवाए गए थे। इस खाते में उसी दिन 2.87 करोड़ रुपए भी जमा हुए थे।
टीम ने आरोपियों को डिटेन पर पूछताछ की तो सामने आया कि बदमाशों ने करीब 12 खाते अजमेर के पीसांगन में ऑपरेट करने के लिए दो युवकों को रख रखे हैं। आरोपी आनन्द नेहरा ने खाता खोलने के लिए जो कागज दिए वह राजसमंद में आमेट के रहने वाले एमबीबीएस के विद्यार्थी देवीलाल के थे।
देवीलाल ने टीम को बताया कि वह खाते के लिए दस्तावेज चित्तौडग़ढ़ के आकोला क्षेत्र निवासी हरिशंकर जाट (31) पुत्र बद्रीलाल जाट को देता है। हरिशंकर जाट ने बताया कि खाता देने के लिए उसे अब तक 3 से 4 लाख रुपए मिल चुके हैं। एसओजी ने हरिशंकर जाट को भी गिरफ्तार कर लिया। अब तक इस मामले में करीब सात आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।