परिषद ने भीलवाड़ा शहर के नालों को चार जोन में बांट रखा है। इसमें 49.37 लाख, 46.63 लाख और 25-25 लाख रुपए के टेंडर निकाले गए। इनसे नालों की सफाई होगी। टेंडर 27 से 30 प्रतिशत कम दर में टेंडर छोड़ा गया यानी 1.46 करोड़ का काम 1.05 करोड़ में होगा।
पिछले साल लगे थे आरोप
परिषद मानसून से पहले नालों की सफाई पर सालाना डेढ़ करोड़ रुपया खर्च करती है। गत वर्ष कागजों में सफाई ठेका 45 लाख में दिया लेकिन भुगतान अधिक किया। हालांकि गत बार नालों से निकलने वाले कचरे का परिवहन नगर परिषद ने किया था, लेकिन हालात मानसून के दौरान बेहद खराब मिले। आरोप था कि ऐसे टेंडर जारी कर परिषद गड़बड़ी करती है।
आरोप-नहीं होती सफाई
भीलवाड़ा वासियों का कहना है कि प्रतिवर्ष ठेके के नाम पर मोटा पैसा खर्च किया जाता है। मानसून के दौरान विजयसिंह पथिकनगर, आरसी व्यास, रोडवेज बस स्टैण्ड, माणिक्यनगर समेत अन्य कॉलोनी में पानी भर जाता है। इसका बड़ा कारण नालों की सफाई नहीं होना है। इतनी भारी बजट होने के बावजूद गंदगी जमा रहती है। कई इलाकों में नालियां व नाले अवरुद्ध हैं। गंदा पानी सड़कों पर बहता रहता है।
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इनका कहना है…
टेंडर जारी कर दिया। पीजी राशि जमा होने के साथ ही कार्योदेश जारी कर दिया जाएगा। मानसून से पूर्व नालों की सफाई करवाई जाएगी।
हेमाराम, आयुक्त नगर परिषद
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नालों की स्थिति
73 नाले शहर के पूर्वी भाग में
70 नाले शहर के पश्चिमी भाग में
02 बड़े नाले जो कोठारी नदी में जाते हैं