https://www.patrika.com/chittorgarh-news/when-not-com-minister-who-shilanyas-esi-hospital-4212962/ ESI Hospital कर्मचारी बीमा क्षेत्र के अधीन पडऩे वाले जिले के कर्मचारियों व श्रमिकों को अस्पताल का लाभ नहीं मिल पा रहा है। पत्रिका टीम ने ईएसआइ अस्पताल से जुड़ी प्रतापनगर डिस्पेंसरी का निरीक्षण किया। यहां की व्यवस्थाएं संतोषप्रद नजर नहीं आई। वहां मिले मरीज स्टाफ के बर्ताव से संतुष्ठ नहीं दिखे। मरीजों का कहना था कि अस्पताल समय से पहले ही बन्द हो जाता है।
डॉक्टरों की कमी
जिलों में कर्मचारियों के ध्यान में रखते हुए विभाग की ओर से ईएसआइ अस्पताल में पदों की संख्या स्वीेकृत की गई। इनमें चिकित्सकों से लेकर एम्बुलेंस चालक तक कुल ६१ पद हैं। अभी केवल ४१ जनों का ही स्टाफ है। चिकित्सकों के स्वीकृत १२ पदों में से आठ कार्यरत हैं। अस्पताल में सर्जन का एक पद खाली है। फिजीशियन, अस्थित रोग, महिला एवं प्रसूति रोग, नेत्र व चर्मरोग के चिकित्सक नहीं हैं।
जिलों में कर्मचारियों के ध्यान में रखते हुए विभाग की ओर से ईएसआइ अस्पताल में पदों की संख्या स्वीेकृत की गई। इनमें चिकित्सकों से लेकर एम्बुलेंस चालक तक कुल ६१ पद हैं। अभी केवल ४१ जनों का ही स्टाफ है। चिकित्सकों के स्वीकृत १२ पदों में से आठ कार्यरत हैं। अस्पताल में सर्जन का एक पद खाली है। फिजीशियन, अस्थित रोग, महिला एवं प्रसूति रोग, नेत्र व चर्मरोग के चिकित्सक नहीं हैं।
नहीं होता है एक्सरे
यहां अत्याधुनिक एक्सरे मशीन है, लेकिन रेडियोलोजिस्ट नहीं होने के कारण चार माह से एक्सरे कक्ष बंद पड़ा है। चिकित्सकों का एक्सरे टेक्नीशयन की पदोन्नति होने पर एक अप्रेल को महात्मा गांधी चिकित्सालय में चला गया। उसके बाद से एक्सरे बंद है। इसके लिए विभाग के निदेशक को भी तीन बार पत्र लिखा जा चुका है, लेकिन सुनवाई नहीं हुई।
यहां अत्याधुनिक एक्सरे मशीन है, लेकिन रेडियोलोजिस्ट नहीं होने के कारण चार माह से एक्सरे कक्ष बंद पड़ा है। चिकित्सकों का एक्सरे टेक्नीशयन की पदोन्नति होने पर एक अप्रेल को महात्मा गांधी चिकित्सालय में चला गया। उसके बाद से एक्सरे बंद है। इसके लिए विभाग के निदेशक को भी तीन बार पत्र लिखा जा चुका है, लेकिन सुनवाई नहीं हुई।
जुड़े हैं ५० हजार श्रमिक
यहां ५० हजार से अधिक श्रमिक इस अस्पताल से जुड़े हैं। हालांकि कर्मचारियों व श्रमिकों की सुविधा के लिए रामद्वारा रोड, गंगापुर, गुलाबपुरा, मांडल तथा मंडपिया में डिस्पेंसरी है। बापूनगर में बड़ा अस्पताल है, लेकिन सुविधा नहीं मिलने से मरीजों को रैफर कर दिया जाता है।
यहां ५० हजार से अधिक श्रमिक इस अस्पताल से जुड़े हैं। हालांकि कर्मचारियों व श्रमिकों की सुविधा के लिए रामद्वारा रोड, गंगापुर, गुलाबपुरा, मांडल तथा मंडपिया में डिस्पेंसरी है। बापूनगर में बड़ा अस्पताल है, लेकिन सुविधा नहीं मिलने से मरीजों को रैफर कर दिया जाता है।
प्रतिदिन आते सौ से अधिक मरीज
बापूनगर अस्तपाल में सौ से अधिक मरीज प्रतिदिन आते हैं। कुछ चिकित्सकों की कमी है। इसके लिए सरकार को पत्र लिखा है। सोनोग्राफी सहित सभी अन्य जांच की सुविधा भी है।
डॉ. सरिता शर्मा, अधीक्षक, ईएसआइ चिकित्सालय, बापूनगर
बापूनगर अस्तपाल में सौ से अधिक मरीज प्रतिदिन आते हैं। कुछ चिकित्सकों की कमी है। इसके लिए सरकार को पत्र लिखा है। सोनोग्राफी सहित सभी अन्य जांच की सुविधा भी है।
डॉ. सरिता शर्मा, अधीक्षक, ईएसआइ चिकित्सालय, बापूनगर