मिली जानकारी के अनुसार, भीलवाड़ा में सफाई के उपकरण से लेकर वाहनों की कमी नहीं है। डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण से लेकर कचरा निस्तारण तक की प्रक्रिया भी इंदौर सरीखी है। फिर भी इंदौर देश में नम्बर-1 और हम टॉप 100 में भी शामिल नहीं। इंदौर लगातार पांच साल से सफाई में अव्वल है। वहीं हमारे यहां सिर्फ दावे और बातें ही हो रही है।
आम नागरिक की भूमिका
शहर में सफाई का काम अकेले नगर परिषद का नहीं है। शहर को संवारने का जिम्मा हर नागरिक का है। इंदौर में हर नागरिक जागरुक है। कचरा इधर-उधर फेंकने पर रोका टोकी होती है। नगर परिषद की टीम वहां हर समय मुस्तैद रहती है। सफाई के बाद खुद अधिकारी प्रतिदिन अलग-अलग क्षेत्रों में आकस्मिक निरीक्षण करते हैं। खामी मिलने पर हाथोंहाथ सुधार करवाते हैं।
इंदौर नगर निगम की सक्रियता
इंदौर में वैसे तो कोई सड़क पर कचरा नहीं फेेंकता और यदि ऐसा करता है तो चंद घंटे में उठा लिया जाता है। इंदौर में शादी या अन्य समारोह के कचरे को नगर निगम की टीम के सहयोग से निस्तारित कर दिया जाता है। इसके उलट भीलवाड़ा में ऐसा कोई इंतजाम नहीं है। जानकारों की मानें तो यहां नगर परिषद में जिम्मेदार एक दूसरे की टांग खिंचाई में ही लगे रहते हैं।
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लोग साथ दें तो ये सुधार संभव
– भीलवाड़ा में नगर परिषद काे शिकायत है कि लोगों का उतना सहयोग नहीं मिल पाता, जितना मिलना चाहिए।
– शादी-समारोह, सभा, रैलियों के बाद जूठन, गंदगी फैलने पर हाथोंहाथ सफाई नहीं होती है।
– लोग सड़कों, भूखंडों व नदी-नालों में कचरा फेंक देते हैं। नगर परिषद की टीम समय पर नहीं उठाती।
– लोग जागरुक नहीं हैं। सडक़ पर कोई कचरा फैलाता है तो रोकते व टोकते नहीं हैं।
– भीलवाड़ा शहर में लोग स्वयं सड़क पर कचरा फेंकते है।
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लोगों को जागरूक करने की जरूरत
भीलवाड़ा में नगर परिषद शहर के सभी 70 वार्ड में सफाई व्यवस्था देख रही है। घर-घर कचरा संग्रहण किया जा रहा है। लोगों को जागरुक होने की जरूरत है। व्यवस्था में भी सुधार करेंगे, लेकिन लोगों से अपील है कि वे कचरा सड़क पर न डालकर ऑटो टिपर में ही डालें। ये शहर सबका है। शहर स्वच्छ रहेगा तो हम सभी सेहतमंद रहेंगे।
राकेश पाठक, सभापति नगर परिषद
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5 साल में सफाई में भीलवाड़ा की रैंकिंग
वर्ष नेशनल रैंक स्टेट रैंक
2017 212 7
2018 152 6
2019 372 28
2020 287 15
2021 273 11
2022 268 14