इस बीच प्रशासन ने विजयनगर गुलाबपुरा मार्ग को एहतियात के तौर पर बांस बलिया लगाकर बंद कर दिया गया है। पानी आने से खेतों में बने कुओं का जलस्तर बढ़ेगा। बता दें कि नदी का पानी सड़क तक पहुंच चुका है। यहां सड़क पर डेढ़ फीट ऊपर तक पानी बह रहा है। वहीं दूसरी तरफ नदी में पानी आने पर स्थानीय ग्रामीणों ने नारियल और चुनरी ओढ़ाकर स्वागत किया। नदी देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो गई है।
खारी बांध पर चली चादर
उधर, भीलवाड़ा के ग्रामीण क्षेत्रों में शनिवार को भी जोरदार बारिश हुई। झमाझम बारिश जारी रहने से नदी-नाले उफान पर हैं। कई जगह पानी ने रास्ते रोक दिए। शक्करगढ़ में सर्वाधिक ढाई, जहाजपुर में सवा दो और कोटड़ी-बिजौलियां में दो इंच बारिश हुई। इस बार भीलवाड़ा-शाहपुरा जिले में औसत की 28 प्रतिशत बारिश अधिक हो गई है। आसींद क्षेत्र का खारी बांध वर्ष-1997 में लबालब हुआ था। उसके बाद क्षेत्र में बारिश अच्छी नहीं हुई। इससे खारी बांध जीरो लेवल से ऊपर नहीं उठ पाया। क्षेत्र तीस दशक से अकाल की मार झेल रहा है। कुएं-बावड़ी का जलस्तर काफी नीचे चला गया। इससे पेयजल के साथ सिंचाई के लिए पानी ही उपलब्ध नहीं था। मानसून की मेहरबानी से इस बार शुक्रवार रात खारी बांध की चादर चल गई। इसका पता चलने पर सुबह ग्रामीणों की भीड़ पाल पर उमड़ पड़ी। उधर, कोठरी नदी के आठ साल बाद उफान पर आने से गंगापुर-बागोर मार्ग पर पुलिया पर एक फीट पानी चल रहा था। जहाजपुर, शक्करगढ़ व कोटड़ी में शनिवार को मूसलाधार बरसात हुई।