मांडलगढ़ उप चुनाव की घोषणा के साथ ही समूचे जिले में गुरुवार से आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। संभवत: ये पहला मौका है, जब एक विधानसभा उप चुनाव को लेकर समूचे जिले में आदर्श आचार संहिता प्रभावी हुई है।
जिला निर्वाचन अधिकारी मुक्तानंद अग्रवाल ने शुक्रवार को बैठक में ये जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उपखण्ड अधिकारी एवं उपखण्ड मजिस्ट्रेट माण्डलगढ निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण पदाधिकारी एवं तहसीलदार बिजौलियां, माण्डलगढ़ एवं कोटड़ी सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण पदाधिकारी के तौर पर कार्य करेंगे।
जिला निर्वाचन अधिकारी मुक्तानंद अग्रवाल ने शुक्रवार को बैठक में ये जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उपखण्ड अधिकारी एवं उपखण्ड मजिस्ट्रेट माण्डलगढ निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण पदाधिकारी एवं तहसीलदार बिजौलियां, माण्डलगढ़ एवं कोटड़ी सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण पदाधिकारी के तौर पर कार्य करेंगे।
READ: बजरी संकट का निकाला नया रास्ता, अब निजी खातेदारी में हो सकेगा खनन बैठक में सरकारी अधिकारियों के अलावा जिला कांग्रेस अध्यक्ष अनिल डांगी व भाजपा जिला महामंत्री रोशन मेघवंशी मौजूद थे। माण्डलगढ़ में पहली बार वोटर वेरिफ ायेबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) का उपयोग होगा। यह मशीन मतदाताओं के लिए नई होगी। राजस्थान में इसका प्रयोग पहली बार किया जा रहा है। ईवीएम/वीवीपीएटी जिला मुख्यालय पर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय प्रतापनगर में स्थित ईवीएम वेयरहाउस में संग्रहित होगी। इसी विद्यालय के पुस्तकालय में ईवीएम की प्रथम स्तरीय जांच की जाएगी।
Talk Show : प्रशासन रोके बीमारियां, डॉक्टर कर सकते हैं सिर्फ इलाज उपचुनाव के दौरान उपयोग में ली जाने वाली ईवीएम एवं वीवीपीएटी की प्रथम स्तरीय जांच कार्रवाई 3 से 5 जनवरी तक होगी। मतदाता जागरूकता के लिए वार्ड स्तर तक तथा स्कूल कालेजों सहित अन्य संस्थाओं में स्वीप गतिविधियां संचालित की जाएगी।पुलिस अधीक्षक प्रदीप मोहन शर्मा ने बताया कि प्रशासन एवं पुलिस की अनुमति के बिना कोई भी सभा या जुलूस आयोजित नहीं किया जा सकेगा। स्क्रीनिंग कमेटी की समीक्षा के बाद लोगों को हथियार जमा कराने होंगे।
नहीं हो सकेंगे मंत्रियों के सरकारी दौरे
आदर्श आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करने एवं निर्वाचन व्यय की मॉनिटरिंग के लिए टीमों को प्रशिक्षण के बाद रवाना कर दिया गया है। ये टीमें नकद और शराब के ट्रांसपोर्ट पर निगरानी रखेंगी और उस पर रोक लगाएगी। आचार संहिता के दौरान कोई भी केन्द्रीय और राज्य सरकार के मंत्री किसी निर्वाचन क्षेत्र में राजकीय यात्रा नहीं कर सकेंगे। इस दौरान कोई मंत्री चुनाव से जुड़े अधिकारी को कार्यालय या गेस्ट हाउस में किसी कार्यालय कार्य के विचार विमर्श के लिए नहीं बुला सकेंगे। किसी भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार को या उसके कार्यकर्ताओं को किसी व्यक्ति की भूमि, भवन, चार दीवारी आदि पर उस सम्पत्ति के मालिक की अनुमति के बिना झण्डे, बैनर, पोस्टर लगाने अथवा नोटिस चस्पा करने की तथा नारा लेखन की अनुमति नहीं होगी।