विशिष्ट न्यायालय (यौन अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम) ने किशोरी को अगवा कर उससे दुष्कर्म करने के मामले की सुनवाई करते हुए आरोपित के खिलाफ दोष सिद्ध होने पर दस साल की सजा सुनाई। साथ ही चार हजार रुपए के जुर्माने के आदेश दिए।
READ: रेणवास के अमरूदों और संतरों ने बनाई जिले में पहचान विशिष्ट न्यायाधीश (यौन अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम) चन्द्रप्रकाशसिंह ने किशोरी को अगवा कर उससे दुष्कर्म करने के मामले में शनिवार को कंजर बस्ती सोनियाणा (माण्डलगढ़) निवासी मनोज उर्फ मनोजिया कंजर को दोषी मानते हुए दस साल की सजा सुनाई। वहीं चार हजार रुपए जुर्माने के आदेश दिए।
READ: स्कूल में शराब पार्टी का मामला: चार बच्चों को किया निलंबित, एक के परिजन ने लगाया आरोप उस दिन छात्र स्कूल ही नही आया प्रकरण के अनुसार 30 मई 2014 को एक व्यक्ति ने माण्डलगढ़ थाने में मामला दर्ज कराया था कि उसकी चौदह साल की पुत्री को अभियुक्त मनोज अगवा कर ले गया। उसे बीगोद, भीलवाड़ा व उदयपुर ले गया। उदयपुर में फैक्ट्री में बंधक बनाकर रखा और उसके साथ दुष्कर्म किया। पुलिस ने किशोरी को फैक्ट्री से मुक्त करवा कर पॉक्सो अधिनियम में अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में चालान पेश किया। विशिष्ठ लोक अभियोजक महेशचन्द्र विश्नोई ने अभियुक्त के खिलाफ 21 गवाह व 26 दस्तावेज पेशकर आरोप सिद्ध किया। अदालत ने मनोज को दस साल की सजा सुनाई।
हथियार से धमकाते एक गिरफ्तार बीगोद थाना पुलिस ने हथियार लेकर धमकाते एक व्यक्ति को शनिवार को गिरफ्तार किया। थाना प्रभारी तुलसीराम प्रजापत ने बताया कि त्रिवेणी चौराहे पर हथियार दिखाकर लोगों को डरा धमका रहे भीलवाड़ा हरणी निवासी राधेश्याम जाट को गिरफ्तार किया। आराेेेपित के पास के पास कार थी जिसकी तलाशी ली गई तो कार में एक चाकू, एक तलवार और एक गुप्तीनुमा हथियार बरामद हुआ। आरोपित से पूछताछ कर रही है।