Bhilwara Lok Sabha Seat : नारी सशक्तिकरण के दावे भले ही किए जा रहे हैं, लेकिन चुनावी मैदान में महिलाओं को पूरा हक नहीं मिला है। यहीं वजह रही कि भीलवाड़ा संसदीय क्षेत्र के 72 साल के चुनावी इतिहास में एक भी महिला चुनकर संसद नहीं पहुंची।
संसदीय क्षेत्र में भीलवाड़ा व शाहपुरा जिले के साथ ही बूंदी जिले का हिंडोली विधानसभा क्षेत्र शामिल है। यहां महिला मतदाताओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। महिला मतदाता का आंकड़ा अभी दस लाख पार है। हर चुनाव में दावेदारी जताने के बाद भी राजनीतिक पार्टियों ने उनको चुनावी मैदान में नहीं उतारा।
इस बार भी भाजपा व कांग्रेस ने महिला प्रत्याशी को चुनाव मैदान में नहीं उतारा। भीलवाड़ा लोकसभा चुनाव की बात करे तो वर्ष-1952 से अभी तक के इतिहास में एक भी महिला को प्रमुख राजनीतिक दलों ने टिकट नहीं दिया और ना ही कोई महिला सांसद बन सकी। बता दे कि इस बार भीलवाड़ा से बीजेपी ने दामोदर अग्रवाल को और कांग्रेस ने सीपी जोशी को टिकट दिया है।
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भीलवाड़ा संसदीय क्षेत्र में शामिल भीलवाड़ा व शाहपुरा जिले तथा बूंदी के हिंडोली की कुल आबादी 29 लाख से अधिक है। इनमें 21,32,076 मतदाता है। महिला मतदाता की संख्या 10,49,316 है। दस साल में जिले में महिला मतदाता की संख्या तीन लाख से अधिक बढ़ी है।
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आंकड़े बताते है कि जिले में वर्ष-1952 से अभी तक हुए विधानसभा चुनाव में भीलवाड़ा, सहाड़ा व मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र से ही अब तक कुल चार महिलाओं को विधानसभा में प्रतिनिधित्व मिला।