भीलवाड़ा

क्यू है भीलवाड़ा की 50 कॉलोनियां प्यासी, जानिए

know why bhilwara s 50 colony is thirsty जलदाय विभाग, चम्बल भीलवाड़ा जलप्रदाय परियोजना व नगर विकास न्यास के चार साल से एक दूसरे के पाले में फाइल खिसकाने से नई कॉलोनियों के चम्बल का पानी जयपुर में सरकारी फाइल में अटका हुआ है।

भीलवाड़ाJul 03, 2021 / 12:31 pm

Narendra Kumar Verma

know why bhilwara s 50 colony is thirsty


भीलवाड़ा। आठ साल पुराने नक्शे पर टिकी वस्त्रनगरी की पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था में खामियों के छेद अब गहराने लगे है। चम्बल भीलवाड़ा जलप्रदाय परियोजना के जरिए चम्बल नदी का पानी भीलवाड़ा शहर में पहुंचने के बावजूद शहर की पचास नई कॉलोनियां अभी प्यासी है। जलदाय विभाग, चम्बल भीलवाड़ा जलप्रदाय परियोजना व नगर विकास न्यास के चार साल से एक दूसरे के पाले में फाइल खिसकाने से नई कॉलोनियों के चम्बल का पानी जयपुर में सरकारी फाइल में अटका हुआ है। know why bhilwara s 50 colony is thirsty

चुनाव में नहीं हुए वायदे पूरे

चम्बल भीलवाड़ा जलप्रदाय परियोजना का भीलवाड़ा शहर में चम्बल का पानी पहुंचाने का एक्शन प्लान वर्ष २०१३ तक चिंहित कॉलोनियों में ही प्रभावी रहा। वर्ष 2013 के बाद अस्तित्व में आई शहर की ५० कॉलोनियों को चम्बल का पानी अभी तक नहीं मिल सका । वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों ने नई कॉलोनियों में पानी पहुंचाने के वायदे किए, लेकिन इसके प्रभावी नतीजे अभी तक सामने नहीं आ सके है। क्षेत्र के बाशिन्दों का विरोध मुखर हुआ तो विधायक विठ्ठलशंकर अवस्थी ने कलक्ट्रेट से लेकर विधानसभा में मुद्दा उठाया। वही कॉलोनियां अभी भी चम्बल के पानी को लेकर विरोध प्रदर्शन करते आ रहे है।
चम्बल परियोजना को चाहिए 6 करोड़, न्यास की चुप्पी

अधीक्षण अभियंता जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग परियोजना वृत्त द्वितीय भीलवाडा ने एक्शन प्लान-2013 के पूर्ण होने के बाद वर्ष 2018 में चम्बल भीलवाड़ा जलप्रदाय परियोजना से जोडऩे के लिए 33 नई कॉलोनियां चिंहित की। जलदाय विभाग की सर्वे रिपोर्ट के आधार पर न्यास ने 8 मई 2018 को राज्य सरकार के वित्त विभाग को 4.80 करोड की कार्ययोजना भिजवाई और वित्तीय व प्रशासनिक स्वीकृति मांगी है। वही दूसरी तरफ जलदाय विभाग ने परियोजना की मांग के आधार पर चंबल परियोजना की टंकियों से कॉलोनियों तक पेयजल उपलब्ध कराने के लिए सहभागिता राशि के रूप में 6.49 करोड रुपए की मांग की। न्यास व जलदाय विभाग के प्रस्तावों मेंं दो करोड़ की राशि का अंतर आने से काम अटक गया। यह फाइल अब एक वर्ष से जयपुर में वित्त विभाग में अटकी हुई है। सरकार की तरफ से भी अंतर राशि को लेकर कोई स्थिति अभी तक स्पष्ट नहीं हो सकी है।
यह है 33 नई कॉलोनियां

कॉलोनियों में केसरिया पारस, आदर्श नगर, सज्जन विला, कमला एंक्लेव, कमला विहार, कमला नेनो, राधेनगर,आदर्श नगर, कृष्ण कुंज, रिद्दि सिद्धी एंक्लेव, गोकुल विहार, स्वास्तिक एंक्लेव, बालाजी विहार, आदर्श नगर, अहिंसा बंगलो, रघुवंश विहार, नर्मदा एंक्लेव, कुमुद विहार प्रथम, द्वितीय व तृतीय, जमुना विहार, आदित्य विहार, सुजुकी एंक्लेव, कांचीपुरम, पाश्र्वनाथ, गोकुलनाथ, गोकुलम, श्याम विहार, नर्मदा विहार, शिवम नर्मदा विहार, कृष्णा विहार, शिवम विहार व दी ग्रींस
ये कहत है नेता व अधिकारी


विधानसभा में उठाएंगे मुद्दा

शहर का कई हिस्सा अभी भी चम्बल के पानी से वंचित है। इनमें नई कॉलोनियां भी शामिल है। नगर विकास न्यास, जलदाय विभाग एवं चम्बल भीलवाड़ा जलप्रदाय परियोजना को आपस में समन्वय स्थापित कर शहर को पेयजल संकट से मुक्त कराना चाहिए, इस संदर्भ में स्थानीय विभागों व राज्य सरकार को भी कई बार लिखा है, नए सिरे से यह मुद्दा फिर से विधानसभा में उठाया जाएगा।
विठ्ठलशंकर अवस्थी, भाजपा विधायक भीलवाड़ा
नए एक्शन प्लान बनेगा

राज्य सरकार के एक्शन प्लान 2013 के अनुसार शहर में चम्बल पेयजल परियोजना का कार्य वर्ष २०१८ में समाप्त हो गया, परियोजना समाप्ति के बाद 33 नई कॉलोनियों के प्रस्ताव सामने आए, इस पर विभागीय स्तर पर न्यास को निर्माण कार्य की लागत के संदर्भ में प्रस्ताव भिजवा दिए एवं सहभागिता राशि जमा कराने के लिए निर्देशित किया। शहर में गत चार साल में कई नई कॉलोनियां और अस्तित्व में आ गई है। शहर में सभी नई कॉलोनियों की मांग को ध्यान में रखते हुए अब नया एक्शन प्लान बनना चाहिए। इस बारे में न्यास को प्रस्ताव भिजवाने चाहिए।
– वी के गर्ग, अधिशासी अभियंता, चम्बल भीलवाड़ा जलप्रदाय परियोजना

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