ग्रामीण पशुपालन निगम लिमिटेड नामक कंपनी द्वारा राजस्थान के हर जिलों से विभिन्न पदों के लिए आवेदन मांगे जा रहे है। इन आवेदनों के माध्मय से बैंक के खाते में राशि भी जमा कराई जा रही है। दूसरी तरफ पशुपालन विभाग ने ऐसे किसी भी पद के लिए आवेदन नहीं मांगे है। विभाग के अनुसार जो भी आवेदन मांग रहा है तो वह फर्जी संस्थान है।
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कंपनी ने पशु चिकित्सक सहित अन्य पदों के लिए आवेदन मांगे है। इसमें पद इसमें पद नाम के अनुसार बैंक चालान के माध्यम से ५०० से एक हजार रुपए तक मांगे जा रहे हैं। इससे प्रदेश के हजारों बेरोजगार भ्रमित हो रहे हैं। यह कंपनी, सरकारी प्रक्रियाओं के समान ही भर्ती प्रक्रिया अपना रही है। आकर्षक वेतन बताकर नौकरी देने का वादा किया जा रहा है। लेकिन पशुपालन विभाग से इस तरह की न तो कोई अनुमति ली और न ही विभाग की जानकारी में ऐसी कोई भर्ती हो रही है। कम्पनी के अधिकारी वादा कर रहे हैं कि बेरोजगारों को ट्रेनिंग दी जाएगी, लेकिन किस विषय की ट्रेनिंग दी जाएगी, यह तय नहीं किया गया है। इस संबंध में पशुपालन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उनकी जानकारी के बिना ऐसा किया ही नहीं जा सकता है।
कंपनी ने पशु चिकित्सक सहित अन्य पदों के लिए आवेदन मांगे है। इसमें पद इसमें पद नाम के अनुसार बैंक चालान के माध्यम से ५०० से एक हजार रुपए तक मांगे जा रहे हैं। इससे प्रदेश के हजारों बेरोजगार भ्रमित हो रहे हैं। यह कंपनी, सरकारी प्रक्रियाओं के समान ही भर्ती प्रक्रिया अपना रही है। आकर्षक वेतन बताकर नौकरी देने का वादा किया जा रहा है। लेकिन पशुपालन विभाग से इस तरह की न तो कोई अनुमति ली और न ही विभाग की जानकारी में ऐसी कोई भर्ती हो रही है। कम्पनी के अधिकारी वादा कर रहे हैं कि बेरोजगारों को ट्रेनिंग दी जाएगी, लेकिन किस विषय की ट्रेनिंग दी जाएगी, यह तय नहीं किया गया है। इस संबंध में पशुपालन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उनकी जानकारी के बिना ऐसा किया ही नहीं जा सकता है।
READ: भीलवाड़ा डेयरी में बनने लगा दूध पाउडर इस तरह की ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए सरकार से अनुमति लेना आवश्यक है। जबकि बेरोजगार युवको के मिल रहे आवेदन के साथ ही ग्रामीण पशुपालन निगम लिमिटेड के नाम का चालन भी दिया जा रहा है। इस चालन के माध्यम से महावीर पार्क के पास स्थित एक बैंक में यह राशि भी जमा कराई जा रही है। रामेश्वरलाल धाकड़ ने ही गत दिनों करीब ६२५ रुपए का चालन बैंक के माध्यम से जमा कराया है। बैंक के अधिकारी भी इन आवेदनों व चालन को लेकर आशांकित है कि यह मामला पूरी तरह से फर्जी है। धाकड़ का कहना है कि उसके पास फोन आया। इसके बाद आवेदन भर कर राशि ग्रामीण पशुपालन निगम लिमिटेड के खाते में जमा करा दी है।
विभाग ने कोई आवेदन नहीं मांगे
पशुपालन विभाग ने नौकरी या किसी भी पद के लिए आवेदन नहीं मांगे है। सरकार को कोई भर्ती करनी होगी तो वह विज्ञापन के माध्यम से सूचना देती। आवेदन कहीं ओर से मिलते वह डाक से नहीं मिलते। ग्रामीण पशुपालन निगम लिमिटेड के नाम की संस्थान का नाम पहले भी आया था, लेकिन यह सब गलत है। युवक ऐसी किसी भी गलतफहमी न आए।आवेदन सम्बन्धी या अन्य जानकारी चाहते है तो विभाग से ले सकते है।
भगवान सहाय, संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग भीलवाड़ा
पशुपालन विभाग ने नौकरी या किसी भी पद के लिए आवेदन नहीं मांगे है। सरकार को कोई भर्ती करनी होगी तो वह विज्ञापन के माध्यम से सूचना देती। आवेदन कहीं ओर से मिलते वह डाक से नहीं मिलते। ग्रामीण पशुपालन निगम लिमिटेड के नाम की संस्थान का नाम पहले भी आया था, लेकिन यह सब गलत है। युवक ऐसी किसी भी गलतफहमी न आए।आवेदन सम्बन्धी या अन्य जानकारी चाहते है तो विभाग से ले सकते है।
भगवान सहाय, संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग भीलवाड़ा