कार्रवाई के बाद जिला परिवहन अधिकारी गौरव यादव ने मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया। एसीबी टीम ने मौके से निरीक्षक, चार संविदाकर्मी गार्ड व चालक को हिरासत में लेकर देर रात पुर थाने में पूछताछ की। इनसे 1 लाख 47440 रुपए की संदिग्ध राशि मिली। इसकी जांच की जा रही है। दिलचस्प बात है कि परिवहन दस्ता बेखौफ होकर वसूली के खेल में लगा था, लेकिन भीलवाड़ा एसीबी की टीम को भनक तक नहीं लगी। एसीबी रिपोर्ट बनाकर मुख्यालय भेजी जाएगी। वहां से इनके खिलाफ आगे कार्रवाई की जाएगी।
अजमेर रेंज के अति.पुलिस अधीक्षक (एसीबी) भागचंद मीणा ने बताया कि भीलवाड़ा-चित्तौड़गढ़ हाईवे मार्ग पर पुर क्षेत्र में जिला परिवहन विभाग के उड़नदस्ते के लोडि़ंग व भार वाहनों के चालकों से बकाया कर वसूली, दस्तावेज की जांच व एमवीएक्ट के नाम पर वसूली की सूचना मिली थी। दस दिन पूर्व मिली सूचना के लिए तीन बार रैकी की गई। सुबह एसीबी टीम ने आटूण व हजारीखेड़ा के पास डेरा डाल दिया।
दस्ते पर वसूली के लिए निगाह रखी। चार घंटे रैकी के बाद एसीबी टीम ने दबिश दी। टीम को सामने देखर दस्ते की हवाइयां उड़ गई। मौके से परिवहन निरीक्षक महेश पारीक के साथ चार संविदा पर लगे गार्ड लक्ष्मण गुर्जर, हरी सिंह, मीठू खां, तेजसिंह एवं चालक रमेश कुमार को हिरासत में लिया। वाहन की तलाश के दौरान राशि मिल गई। सभी को पुर थाने लाया गया। एसीबी ने चालान डायरी समेत ऑनलाइन रिकार्ड से मिलान शुरू किया।