भीलवाड़ा

इन बेटे बेटियों पर पूरे भीलवाड़ा को नाज, देशभर में किया नाम रोशन

भीलवाड़ा जिले के इन बेटे—बेटियों पर पूरे जिले को नाज है, जिन्होंने देश की सर्वोच्च परीक्षा में अपना स्थान बनाया है

भीलवाड़ाApr 28, 2018 / 09:17 pm

tej narayan

भीलवाड़ा जिले के इन बेटे—बेटियों पर पूरे जिले को नाज है, जिन्होंने देश की सर्वोच्च परीक्षा में अपना स्थान बनाया है इन्होंने जो सपने देखे उन्हें सच कर दिखाया। किसी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता को दिया तो किसी ने दादा—दादी और पत्नी का योगदान बताया। अपनी सफलता से खुश से अभ्यर्थी देश की युवा पीढी को दृढ संकल्प और सही दिशा में मेहनत करने की प्रेरणा देते हैं।

भीलवाड़ा।
भीलवाड़ा जिले के इन बेटे—बेटियों पर पूरे जिले को नाज है, जिन्होंने देश की सर्वोच्च परीक्षा में अपना स्थान बनाया है इन्होंने जो सपने देखे उन्हें सच कर दिखाया। किसी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता को दिया तो किसी ने दादा—दादी और पत्नी का योगदान बताया। अपनी सफलता से खुश से अभ्यर्थी देश की युवा पीढी को दृढ संकल्प और सही दिशा में मेहनत करने की प्रेरणा देते हैं।
इन्होंने जो सपने देखे उन्हें सच कर दिखाया। किसी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता को दिया तो किसी ने दादा—दादी और पत्नी का योगदान बताया। अपनी सफलता से खुश से अभ्यर्थी देश की युवा पीढी को दृढ संकल्प और सही दिशा में मेहनत करने की प्रेरणा देते हैं।
वस्त्रनगरी के बेटे अभिषेक सुराणा का भारतीय सिविल सेवा में चयन हुआ है। यूपीएससी की शुक्रवार को घोषित वरीयता सूची में अभिषेक की 10 वीं और राजस्थान में पहली रैंक रही। अभिषेक का इससे पहले आईएफएस और फिर आईपीएस में चयन हो चुका है। उनके पिता डॉ अनिल सुराणा राजकीय सेठ मुरलीधर मानसिंहका कन्या महाविद्यालय में प्राध्यापक है, जबकि माता सुनीता सुराणा समाज सेविका है। अभिषेक इससे पहले वर्ष 2017 में ही यूपीएससी में 250 वीं रैक हासिल कर चुके हैं। अभी हैदराबाद में भारतीय पुलिस सेवा वर्ग में प्रशिक्षण ले रहे है। अभिषेक के पिता ने बताया कि वे मृलतः कंवलियास निवासी है। अभिषेक सुराणा ने नई दिल्ली से आईआईटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनयरिंग की। साथ ही दो वर्ष तक सिंगापुर में जॉब किया। अभिषेक सुराणा की प्रारंभिक शिक्षा भीलवाड़ा में ही हुई है। अभिषेक का चयन भारतीय वन सेवा में ऑल इंडिया में दूसरे स्थान पर हो चुका है। अभिषेक के आईएएस में चयन की खबर मिलते ही रमेश चन्द्र व्यास नगर स्थित आवास पर शुक्रवार रात को बधाई देने वालों का तांता लग गया। अभिषेक के पिता.माता का कहना था कि अभिषेक की कड़ी मेहनत का ही नतीजा रहा कि वे लगातार सफलता की मंजिल चढ़ता रहा और उसने जो ठान रखी थी, उसे कर दिखाया।
गंगापुर की निधि पहले बनी आरएएस अब सिविल सेवा में चयन

जिले की गंगापुर मूल निवासी निधि चौहान का पहले आरएएस में चयन हुआ और अब भारतीय सिविल सेवा में भी बाजी मारी है। निधि अभी जयपुर में सहायक कलक्टर एवं कार्यपालक मजिस्ट्रेट ( प्रशिक्षण) के पद पर कार्यरत है। निधि की सिविल सेवा परिणाम में ऑल इंडिया 902 रैंक आई है। उन्होंने बताया कि उन्हें आईआरएस सेवा का कैडर आवंटित होने की उम्मीद है, लेकिन वे अगली बार फिर सिविल सर्विसेज की परीक्षा में शामिल होगी। निधि ने बताया कि उनके पिता चैनसुख जीनगर जयपुर मेट्रो में निदेशक है। निधि की माता दुर्गा देवी जीनगर ने गत दिनों बाल विकास परियोजना अधिकारी के पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली है।
पच्चीस वर्षीय निधि ने प्रथम प्रयास में वर्ष 2013 में आरएएस की परीक्षा पास की। इससे पहले आईआईटी दिल्ली से 2014 में केमिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया, लेकिन पब्लिक सर्विस में रुचि होने के कारण यह परीक्षा दी। निधि ने बताया कि उनकी स्कूली शिक्षा केवी कोटा से हुई है। निधि ने बताया कि यदि मन में टारगेट तय हो तो सफलता मिलना तय है। इसके लिए स्टूडेंट्स को कभी हताश नहीं होना चाहिए।
 

पहले पत्नी को बनाया सरपंच, खुद आईआरएस बने अब सिविल सेवा में हुआ चयन

-ज्ञानगढ सरपंच लक्ष्मी देवी गुर्जर के पति है महेन्द्र पाल गुर्जर, दूसरे प्रयास में मिली 397वी रैंक
करेड़ा. पहले पत्नी को सरपंच बनाया और फिर खुद ने अपनी सरकारी नौकरी की ठानी। मेहनत का परिणाम यह रहा कि दो नौकरियां हाथों में थी और अब सिविल सेवा में चयन हुआ है। यह सफलता ज्ञानगढ़ के महेंद्रपालसिंह गुर्जर ने हासिल की है। उनकी सिविल सेवा परीक्षा में 397वीं रैंक आई है। भारतीय प्रशासनिक सेवा परीक्षा 2017 में चयनित महेंद्रपालसिंह करेड़ा उपखण्ड क्षेत्र के ज्ञानगढ पंचायत की सरपंच लक्ष्मीदेवी गुर्जर के पति है। गुर्जर का वरीयता सूची में 397 वी रैंक हासिल की है। गुर्जर ने भारतीय प्रशासनिक सेवा परीक्षा 2015 में 816वीं रैंक हासिल की थी, जिस पर वो वर्तमान में फरीदाबाद में आईआरएस प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। इससे पूर्व महेन्द्र पाल जयपुर में केन्द्रीय एक्साइज विभाग में निरीक्षक पद पर नियुक्त थे। लेकिन मन में सिविल सर्विसेज का सपना था इसलिए फिर से प्रयास किया। गुर्जर ने अपनी सफ लता का श्रेय पिता नाथूलाल गुर्जर को दिया जो वर्तमान में डीआरए के पद पर कार्यरत है। महेन्द्रपाल कि पत्नी लक्ष्मी देवी गुर्जर वर्तमान में माण्डल पंचायत समिति कि ज्ञानगढ पंचायत में सरपंच है। वे भी पढ़ी-लिखी है और पंचायत के सभी काम खुद ही करती है।

Hindi News / Bhilwara / इन बेटे बेटियों पर पूरे भीलवाड़ा को नाज, देशभर में किया नाम रोशन

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.