स्कूली किताबों के बोझ से दबे बच्चों के लिए भले ही राज्य सरकार ने शनिवार को ‘नो बेग डे’ घोषित कर रखा है, लेकिन पढ़ाई का बोझा फिर भी रहता है। इस बोझ को कम करने एवं शनिवार का दिन फन डे के रूप में तब्दील करने के लिए कलक्टर मेहता ने शहरी क्षेत्र के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के राजकीय स्कूलों में चतुरंग यानी शतरंज को कक्षा विषय के रूप में शामिल करने की बड़ी पहल की है।
जिले में कुल नौ ब्लॉक है। बीस-बीस स्कूल को प्रथम चरण के लिए चिन्हित किया है। कुल 181 स्कूलों का चयन हुआ है। शतरंज कैसे खेला जाता है और इसके क्या नियम होते हैं, इसका पूरा संग्रह तैयार किया गया है। प्रत्येक स्कूल के बच्चों के लिए एक शिक्षक को ही रिसोर्स पर्सन नियुक्त किया है। रिसोर्स पर्सन को शतरंज की बारीकी सिखाई गई हैं। भीलवाड़ा शतरंज संघ अध्यक्ष एवं जिला रोजगार अधिकारी मुकेश गुर्जर व उनकी टीम ने रिसोर्स पर्सन को प्रशिक्षण देने का कार्य पूर्ण कर लिया है।