प्रेमभूषण महाराज ने भगवान राम-जानकी के विवाह प्रसंग का वाचन किया तो पूरा माहौल जय सियाराम के जयकारों से गूंज उठा। भक्तगण झूमने लगे। भगवान राम एवं सीताजी के विवाह का उत्सव मनाने के लिए मंच पर छप्पन भोग की झांकी भी सजाई गई। बधाइयां गूंजने लगी और सीतारामजी के जय हर तरफ होने लगी। कई श्रद्धालु राम-जानकी विवाह की खुशियां मनाने के लिए नृत्य करने लगे। आयोजन समिति की मंजू पोखरना ने बताया कि छप्पन भोग एवं राम विवाह उत्सव में नवरतनदेवी बजाज, नैना स्वर्णकार, मोना डाड, पूजा कंदोई, मोनिका बजाज, पूजा बजाज, प्रिया बांगड़ आदि का पूर्ण सहयोग रहा।
ब्रह्म वेला में उठे
ब्रह्म वेला में उठे
कथावाचक ने कहा कि मनुष्य की समस्या है कि वे वहीं समझता है जो उसे समझना है। कायदे की नहीं, फायदे की बात समझता है। जो कायदे की बात समझ जाएगा, वह फायदे में रहेगा। जो ब्रह्म वेला में उठ नहीं सकता उसे ब्रह्म (भगवान) के दर्शन हो नहीं सकते। इसलिए सुबह जल्दी उठो और उठाओ।