भीलवाड़ा, जहाजपुर व कोटड़ी क्षेत्र तक बनास नदी फैली है, लेकिन इनमें अभी बजरी लीज नहीं है। जिनके पास बजरी का स्टॉक है, वे एक ट्रैक्टर ट्रॉली के दस हजार रुपए तक मांग रहे हैं। इस कारण सरकार के साथ ही निजी कार्य भी लगभग ठप हैं।
नई सरकार के शपथ के एक दिन पहले खान निदेशक ने बजरी खनन की ऑनलाइन नीलामी निरस्त की थी। खान विभाग ने प्रदेश में 22 जगह प्लॉट तैयार कर टेंडर जारी किए थे। इसके बाद सरकार ने कोई नए आदेश जारी नहीं किए। भीलवाड़ा जिले में 35 प्लाॅट तैयार कर रखे हैं। इसमें भीलवाड़ा, जहाजपुर, हमीरगढ़, कोटड़ी, मांडल, हुरड़ा क्षेत्र शामिल है।
यहां हो चुकी है लीज समाप्त
भीलवाड़ा-1947.12 हैक्टेयर की लीज 2 दिसंबर 2023 को समाप्त हो चुकी।
जहाजपुर-1299 हैक्टेयर में लीज 12 दिसंबर 2023 को समाप्त हो चुकी।
कोटड़ी- 1191.37 हैक्टेयर एरिया में लीज समाप्त हो चुकी।
हुरड़ा व मसूदा-544.03 हैक्टेयर की लीज 25 जुलाई 2023 को समाप्त हो चुकी।
मांडलगढ़-बिजौलियां- 1675.85 हैक्टेयर की लीज समाप्त हो चुकी।
मांडल- 995 हैक्टेयर की लीज नौ दिसंबर 2023 को समाप्त हो चुकी।
यहां है बजरी लीज
-शाहपुरा-फूलियाकलां- 624.39 हैक्टेयर में लीज 8 जुलाई 2027 को समाप्त होगी।
-सहाड़ा- 287.58 हैक्टेयर एरिया की लीज 15 जुलाई 2027 को समाप्त होगी।
-रायपुर – 836.13 हैक्टेयर एरिया की लीज नौ जुलाई 2027 को समाप्त होगी।
-आसींद- 1207.614 हैक्टेयर में लीज 12 दिसंबर 2027 को समाप्त होगी।
अवैध खनन के मुख्य कारण
बीते 15 साल में खनन आवंटन की प्रक्रिया मुश्किल हो गई है। बजरी, चुनाई पत्थर, सेंड स्टोन, क्वार्ट्ज व फेल्सपार के खनन पट्टा लेना मुश्किल हो गया। खान आंवटन के बाद अन्य विभागों से एनओसी लेने में 2-3 साल लगते हैं। खान निदेशक के साथ नीतियां बदल रही हैं, लेकिन विभाग का ढांचा नहीं बदला है। अवैध खनन रोकने के लिए विभाग के पास फॉरमैन, वाहन चालक, राजकीय वाहन, नाकेदार नहीं है। राजस्थान में जिले 33 से बढ़कर 50 हो गए लेकिन नए जिलों में खनिज अभियन्ता नहीं लगाए। निदेशालय पर हेल्प डेस्क नहीं है। इसे लेकर ऊपरमाल पत्थर खान व्यवसायी संघ बिजौलियां के कार्यालय मंत्री रामप्रसाद विजयवर्गीय ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख खनन लीज व पट्टे जारी करने के नियमों में शिथिलता की मांग की।