Five-hour demonstration outside zinc mines, refusal to conduct post-mo
भीलवाड़ा. गुलाबपुरा थाना क्षेत्र के आंगूचा स्थित हिन्दुस्तान जिंक में भूमितगत खदान में सोमवार को विस्फोट के बाद मलबे में दबने से दो श्रमिकों की मौत के मामले को लेकर मंगलवार को हंगामा हुआ। मुआवजा और मृतक आश्रितों को नौकरी देने की मांग को लेकर श्रमिकों और परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर कंपनी के बाहर प्रदर्शन किया। करीब पांच घण्टे चली वार्ता के बाद मांगों पर सहमति बनने पर परिजन शांत हुए। उसके बाद जिला मुख्यालय स्थित महात्मा गांधी अस्पताल में मृतकों का पोस्टमार्टम हुआ। प्रदर्शन को देखते हुए जिंक दिनभर छावनी में तब्दील रहा। बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी वहां तैनात रहे।
पुलिस के अनुसार जिंक में सोमवार शाम को भूमिगत खदान में विस्फोट किया गया। वहां ठेकेदार कम्पनी एएसी के अधीन कार्यरत टिटोड़ा (जहाजपुर) निवासी जीतराम जाट व हिमाचल प्रदेश हाल आंगूचा निवासी थानमल की विस्फोट से गिरे मलबे के नीचे दबने से मौत हो गई। जिंक प्रबंधन रात में आनन-फानन में दोनों को भीलवाड़ा लेकर पहुंचा। यहां जिला अस्पताल में चिकित्सकों ने दोनों को मृत बताया। एमजीएच स्थित मोर्चरी में दोनों के शव रखवाए गए।
मुआवजे और मृतक आश्रितों को नौकरी देने की मांग करते हुए वहां कार्यरत श्रमिकों ने मंगलवार सुबह जिंक के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन शुरू कर दिया। बड़ी संख्या में लोग वहां जमा हो गए। परिजनों ने मांगे नहीं माने जाने तक पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया। शाहपुरा एएसपी विमलसिंह, उपखण्ड अधिकारी विकास मोहन भाटी, गुलाबपुरा डीएसपी लोकेश मीणा की अगुवाई में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी वहां तैनात रहे। जिंक प्रबंधन, ठेकेदार प्रतिनिधि और परिजनों के बीच वार्ता शुरू हुई। करीब पांच घण्टे चली वार्ता के बाद दोनों श्रमिकों के परिजनों को साठ-साठ लाख का मुआवजा और ठेकेदार के अधीन नौकरी देने पर सहमति बनी। उसके बाद एमजीएच में उनका पोस्टमार्टम कराने के बाद गुलाबपुरा पुलिस ने शव परिजनों को सौंप दिया। वार्ता के दौरान जिंकके सीएसओ निशांत राव, संविदा कम्पनी एएसी के प्रदीप कुमार चतुर्वेदी, स्थानीय आंगूचा खान मजदूर संघ के प्रतिनिधि मधुसूदन पारीक, अजय शर्मा, पंचायत समिति प्रधान कृष्ण सिंह राठौड़ समेत कई लोग मौजूद रहे। प्रदर्शन को देखते हुए जिंक चौराहे पर दुकानों को बंद रखा गया।