एसओजी की पड़ताल में सामने आया है कि हरिशंकर ने सोशल मीडिया पर ही ठगी का काम सीखा था। एसओजी भी फिलहाल उसे इस मामले में मास्टरमाइंड मान रही है। हरिशंकर ही खाते लेकर आगे बेचने का काम करता था। वह क्रिप्टो करेंसी में रुपए बदलकर आगे भेजता था। इससे पहले वह मजदूरी का काम करता था। ठगी के जरिए बड़ी राशि कमाने के बाद भी उसने अपना रहन-सहन नहीं बदला। इससे गांव के लोगों को उसके कारनामों के बारे में पता ही नहीं चला।
एसओजी की जांच में यह भी सामने आ रहा है कि चित्तौडग़ढ़ ठगों का नया ठिकाना बनता जा रहा है। इससे पहले चित्तौडग़ढ़ की कोतवाली पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर का भण्डाफोड़कर विदेशी लोगों से ठगी करने का खुलासा किया था। एसओजी की पूछताछ में हरिशंकर जाट ने चित्तौडग़ढ़ जिले के ही तूफान सिंह व गौरीशंकर के नाम भी बताए हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।