सात साल पहले हुआ था सर्वे अजमेर- चित्तौड़गढ़ रेलवे लाइन के दोहरीकरण प्रोजेक्ट का सर्वे करीब 7 साल पहले ही शुरू हो गया था। एक बार डीपीआर बनने के बाद तत्काल जून 2021 में संशोधित डीपीआर भी रेलवे बोर्ड को भेजी गई थी। इसमें दोहरीकरण प्रोजेक्ट की लागत 1680 करोड़ रुपए आंकी गई थी। पिछले बजट में भी दोहरीकरण के लिए सर्वेक्षण का ही प्रावधान किया था। इसके बाद केबिनेट ने अजमेर-चंदेरिया रेल लाइन के दोहरीकरण प्रोजेक्ट को मंजूर किया। हालांकि ढाई साल में अनुमानित लागत करीब 150 करोड़ रुपए बढ़ गई। यह प्रोजेक्ट 95 किलोमीटर लंबा है। इसकी अनुमानित लागत करीब 1860 करोड़ रुपए हैं। यह कार्य दो साल में पूरा होने की संभावना है।
पूर्व दिशा में डलेगी डबल लाइन डबल लाइन डालने का काम पूर्व दिशा की तरफ यानी जिला कलक्ट्रेट की दिशा में होगा। इसके लिए किसी तरह की जमीन अधिकग्रहण नहीं करनी पड़ेगी। रेलवे के पास पहले से ही इतनी जगह है कि किसी भी भवन या संस्थान को नहीं हटाना पड़ेगा। माना जा रहा है कि कुछ जगहों पर नए पुल बनाए जा सकते है।
बहेडिया ने किए थे प्रयास सांसद सुभाष बहेड़िया ने तत्कालीन रेल मंत्री के समक्ष अजमेर से चन्देरिया के बीच रेलवे लाईन के डबल करने की मांग की थी। अजमेर तक व चित्तौड़गढ से आगे तक पहले से ही डबल लाइन है। इन दोनो स्टेशनों के बीच का बड़ा भाग भीलवाडा क्षेत्र में पडता है। इस लाइन के डबल करना आवश्यक है। इस पर सरकार ने 2.32 करोड़ सर्वे के लिए बजट में प्रावधान किया। पिछले बजट में दोहरीकरण के लिए बजट पास किया। इस कार्य पर कुल 1860 करोड़ रुपए व्यय होंगे। इसके लिए टेंडर विज्ञप्ति जारी कर दी है।
इन स्टेशनों पर होगा कार्य डीआरयूसीसी सदस्य मेम्बर विजय कुमार लढा ने बताया दोहरीकरण के साथ गुलाबपुरा, रूपाहेली, भोजरास, सरेरी, रायला, लाम्बिया, धुंवाला, मांडल, भीलवाड़ा, मंडपिया व हमीरगढ रेलवे स्टेशनों का नवीनीकरण होगा। यहा फुट ओवर ब्रिज, स्टेशन के भवनो का नवनिर्माण, हाई लेवल प्लेटफार्म, प्लेटफार्म शेल्टर का भी निर्माण होगा। भीलवाड़ा स्टेशन का विकास कार्य अमृत भारत योजना तहत चल रहा है। इस पर 17.50 करोड़ रुपए व्यय होंगे।