सरकारी डॉक्टरों की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदेशव्यापी आह्वान पर घोषित हड़ताल के तहत जिले में अधिकतर सरकारी डॉक्टर हड़ताल पर रहे। इससे जिले में चिकित्सा व्यवस्था प्रभावित हुई। मरीज भटकते दिखे। वहीं डॉक्टर सरकार द्वारा लागू रेस्मा के तहत गिरफ्तारी के डर से 123 डॉक्टर भूमिगत हो गए है।
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जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल महात्मा गांधी चिकित्सालय में वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर आयुर्वेद डॉक्टरों के साथ ही 31 डॉक्टरों ने यथावत सेवाएं दी। इससे मरीजों को ज्यादा परेशानी नहीं हुई। सेवारत संघ पदाधिकारियों के स्थानांतरण की कार्रवाई से नाराज डॉक्टर हड़ताल पर है। सरकार ने डॉक्टरों से सख्ती से निपटने के लिए निर्देश दिए। वहीं हाईकोर्ट ने डॉक्टरों को काम पर लौटने को कहा है। साथ ही उन्हें गिरफ्तार करने की बजाए सुरक्षा मुहैया कराते हुए राहत प्रदान की है। एेसे में भूमिगत हुए डॉक्टरों के पुन: काम पर लौटने के आसार दिख रहे है। डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने से सबसे ज्यादा असर ग्रामीण क्षेत्र की चिकित्सा व्यवस्था पर पड़ा है। ग्रामीणों को न सीएचसी व पीएचसी पर इलाज मिल रहा है और न पास के कस्बों के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा मिल रही है।
जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल महात्मा गांधी चिकित्सालय में वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर आयुर्वेद डॉक्टरों के साथ ही 31 डॉक्टरों ने यथावत सेवाएं दी। इससे मरीजों को ज्यादा परेशानी नहीं हुई। सेवारत संघ पदाधिकारियों के स्थानांतरण की कार्रवाई से नाराज डॉक्टर हड़ताल पर है। सरकार ने डॉक्टरों से सख्ती से निपटने के लिए निर्देश दिए। वहीं हाईकोर्ट ने डॉक्टरों को काम पर लौटने को कहा है। साथ ही उन्हें गिरफ्तार करने की बजाए सुरक्षा मुहैया कराते हुए राहत प्रदान की है। एेसे में भूमिगत हुए डॉक्टरों के पुन: काम पर लौटने के आसार दिख रहे है। डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने से सबसे ज्यादा असर ग्रामीण क्षेत्र की चिकित्सा व्यवस्था पर पड़ा है। ग्रामीणों को न सीएचसी व पीएचसी पर इलाज मिल रहा है और न पास के कस्बों के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा मिल रही है।
READ: चार वाहन टकराए, एक पलटा, दो ढाबे में घुसे परिजन उपचार के लिए इधर—उधर भटक रहे हैं चिकित्सकों की हड़ताल के चलत क्षेत्र में सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्था प्रभावित हो रही है। गांवों और कस्बों के हालता ज्यादा खराब है। रोगी व परिजन उपचार के लिए इधर—उधर भटक रहे हैं। आखिर थक हारकर मरीज व परिजन सरकार को कोस रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र में जहां प्रतिदिन मरीजों की आवक रहती थी। वहीं अब गिनती के मरीज पहुंच रहे है।
गांवों में ज्यादा असर
डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से एकबारगी चिकित्सा व्यवस्था प्रभावित हुई है। जिससे गांवों में ज्यादा असर देखने को मिला। निपटने के लिए हमने वैकल्पिक व्यवस्था की है, ताकि मरीजों को तकलीफ नहीं हो। गांवों में इमरजेंसी के दौरान मरीजों को जिला अस्पताल में रैफर किया जा रहा है।
डॉ. जेसी जीनगर, सीएमएचओ
डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से एकबारगी चिकित्सा व्यवस्था प्रभावित हुई है। जिससे गांवों में ज्यादा असर देखने को मिला। निपटने के लिए हमने वैकल्पिक व्यवस्था की है, ताकि मरीजों को तकलीफ नहीं हो। गांवों में इमरजेंसी के दौरान मरीजों को जिला अस्पताल में रैफर किया जा रहा है।
डॉ. जेसी जीनगर, सीएमएचओ