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ग्रामीण क्षेत्र के ब्लॉक आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हुरड़ा में जहां प्रतिदिन 100 से डेढ़ सो मरीजों की आवक रहती थी। वहीं अब गिनती के मरीज पहुंच रहे है। आगूचा स्थित आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में गिनती के मरीज पहुंचे गांव से मरीजों की आवाजाही निजी चिकित्सालयों में हो रही है। ग्रामीण क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोग गुलाबपुरा के निजी चिकित्सा संस्थानों एवं कई सेवानिवृत्त चिकित्सकों के घर पहुंच रहे हैं। वही निजी चिकित्सालयों में जांचों के लिए भी उन्हें जेब खाली करनी पड़ रही है।
ग्रामीण क्षेत्र के ब्लॉक आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हुरड़ा में जहां प्रतिदिन 100 से डेढ़ सो मरीजों की आवक रहती थी। वहीं अब गिनती के मरीज पहुंच रहे है। आगूचा स्थित आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में गिनती के मरीज पहुंचे गांव से मरीजों की आवाजाही निजी चिकित्सालयों में हो रही है। ग्रामीण क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोग गुलाबपुरा के निजी चिकित्सा संस्थानों एवं कई सेवानिवृत्त चिकित्सकों के घर पहुंच रहे हैं। वही निजी चिकित्सालयों में जांचों के लिए भी उन्हें जेब खाली करनी पड़ रही है।
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मांडल में चिकित्सको की हड़ताल के चलते उपखण्ड के शहीद जमना ला भट्ट (कम्पाउंडर) सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मरीजो को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है । नर्स ग्रेड प्रथम जगदीश जोशी रोगियों को परामर्श दे रहे है । शुगर की जांच कराने आई पुष्पा देवी सेन को निराश लौटना पड़ा ।
शाहपुर में हड़ताल को लेकर भूमिगत हुए चिकित्सकों के कारण दूसरे दिन आउटडोर व इन ड़ोर खाली दिखाई दे रहे है। सर्दी जुखाम की शिकायत लेकर आने वाले रोगियों को आयुष चिकित्सक उपचार दे रहे हैं।चिकित्सकों के अभाव में भर्ती वार्ड रीते नज़र आ रहे हैं।
मांडल में चिकित्सको की हड़ताल के चलते उपखण्ड के शहीद जमना ला भट्ट (कम्पाउंडर) सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मरीजो को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है । नर्स ग्रेड प्रथम जगदीश जोशी रोगियों को परामर्श दे रहे है । शुगर की जांच कराने आई पुष्पा देवी सेन को निराश लौटना पड़ा ।
शाहपुर में हड़ताल को लेकर भूमिगत हुए चिकित्सकों के कारण दूसरे दिन आउटडोर व इन ड़ोर खाली दिखाई दे रहे है। सर्दी जुखाम की शिकायत लेकर आने वाले रोगियों को आयुष चिकित्सक उपचार दे रहे हैं।चिकित्सकों के अभाव में भर्ती वार्ड रीते नज़र आ रहे हैं।
डॉक्टरों के 48 घंटे पहले हड़ताल पर चले जाने से पहले से चिकित्सा व्यवस्था चरमराई
जहाजपुर मेें रेस्मा बढ़ाने से नाराज राजस्थान सेवा संघ से जुड़े चिकित्सकों ने 48 घंटे पहले ही शनिवार से हड़ताल शुरू करने से चिकित्सा व्यवस्थाएं चरमरा गई। हड़ताल के दूसरे दिन रविवार को मरीज सुबह से ही चिकित्सकों के घर वह सरकारी चिकित्सालयों के उपचार हेतु चक्कर लगा रहे हैं। जहाजपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तो प्रसूताएं व शिशु भी नर्स व कंपाउंडर के भरोसे है। चिकित्सकों के हड़ताल पर जाने से चिकित्सकों की कुर्सियां खाली रही। खाली कुर्सियां देख मरीज उपचार के लिए 40 किलोमीटर दूर निजी चिकित्सालय की ओर जाने पर मजबूर है।
जहाजपुर मेें रेस्मा बढ़ाने से नाराज राजस्थान सेवा संघ से जुड़े चिकित्सकों ने 48 घंटे पहले ही शनिवार से हड़ताल शुरू करने से चिकित्सा व्यवस्थाएं चरमरा गई। हड़ताल के दूसरे दिन रविवार को मरीज सुबह से ही चिकित्सकों के घर वह सरकारी चिकित्सालयों के उपचार हेतु चक्कर लगा रहे हैं। जहाजपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर तो प्रसूताएं व शिशु भी नर्स व कंपाउंडर के भरोसे है। चिकित्सकों के हड़ताल पर जाने से चिकित्सकों की कुर्सियां खाली रही। खाली कुर्सियां देख मरीज उपचार के लिए 40 किलोमीटर दूर निजी चिकित्सालय की ओर जाने पर मजबूर है।