इसके लिए अधिकारियों ने आवास योजना के लिए गठित समिति के तीन अधिकारियों के अवकाश पर होने के बावजूद गत ६ जुलाई आनन-फानन में बैठक बुला ली। अस्थाई कार्यभार देकर दो लिंक अधिकारी भी बना दिए, लेकिन कानूनी अड़चन आने से योजना का नक्शा बदलने सम्बन्धी कार्यवाही नहीं हो पाई।
नगर विकास न्यास ने तिलकनगर में वर्ष 2018 में आर्थिक रूप से कमजोर और अल्प आय वर्ग के लोगों के लिए नेहरू विहार मुख्यमंत्री जन आवास योजना लांच की थी। न्यास ने सबसे कम दर आने पर उदयपुर की एक कंपनी इसका निर्माण कार्य सौंपा, लेकिन तीन साल बीत जाने के बावजूद अभी तक कंपनी ने निर्माण कार्य शुरू नहीं किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि जिस दर पर कम्पनी ने निर्माण कार्य लिया है, उस दर में अब निर्माण कार्य करना संभव नहीं है। इसके अलावा कंपनी इस योजना क्षेत्र में न्यास के अधीन मुख्य जगह पर अब निर्माण करना चाहती है।
८१६ आवास बनने है तिलकनगर में योजना क्षेत्र ३२ हजार मीटर यानि करीब पन्द्रह बीघा में फैला हुआ है। यहां कुल 816 आवास गृह का निर्माण किया जाना है, इसमें आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग में 448 व अल्प आय वर्ग में 368 आवास प्रस्तावित है। योजना क्षेत्र में करीब 60 करोड़ की लागत प्रस्तावित है। निर्माण कार्य पर नजर रखने के लिए एक ले आउट अनुमोदन कमेटी भी गठित की गई, इसमें न्यास सचिव, तहसीलदार, अधीक्षण अभियंता व एटीपी को शामिल किया गया।
नक्शा बदलना अब नियम विरूद्ध
योजना क्षेत्र के नक्शे में बदलाव को लेकर वर्ष 2019 में कंपनी की तरफ से दबाव आया तो इस बारे में पत्रावली न्यास सचिव के सामने पेश हुई, लेकिन तत्कालीन विशेषााधिकारी, एटीपी, एसई ने योजना क्षेत्र के नक्शे में बदलाव से इनकार कर दिया। उन्होंने आरटीपीपी एक्ट का हवाला देते हुए कहा कि एक्ट के प्रावधान है कि निविदा टेंडर के दस्तावेज का मुख्य हिस्सा है और यह विभागीय साइड पर ऑनलाइन अपलोड हो गया है, उसमें अब बदलाव संभव नहीं है। वैसे भी योजना क्षेत्र में न्यास की जो शर्ते है, उसमें बदलाव की स्थिति में न्यास को ही बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है। इधर जानकारों का कहना है कि इसमें बदलाव संभव है, लेकिन बदलाव न्यास व आवंटियों के हित में नहीं होगा।
योजना क्षेत्र के नक्शे में बदलाव को लेकर वर्ष 2019 में कंपनी की तरफ से दबाव आया तो इस बारे में पत्रावली न्यास सचिव के सामने पेश हुई, लेकिन तत्कालीन विशेषााधिकारी, एटीपी, एसई ने योजना क्षेत्र के नक्शे में बदलाव से इनकार कर दिया। उन्होंने आरटीपीपी एक्ट का हवाला देते हुए कहा कि एक्ट के प्रावधान है कि निविदा टेंडर के दस्तावेज का मुख्य हिस्सा है और यह विभागीय साइड पर ऑनलाइन अपलोड हो गया है, उसमें अब बदलाव संभव नहीं है। वैसे भी योजना क्षेत्र में न्यास की जो शर्ते है, उसमें बदलाव की स्थिति में न्यास को ही बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है। इधर जानकारों का कहना है कि इसमें बदलाव संभव है, लेकिन बदलाव न्यास व आवंटियों के हित में नहीं होगा।
घूस देने की कार्रवाई
न्यास के आला अधिकारियों की मनाही के बाद यह समूचा मामला ठंडे बस्ते में चला गया। जानकार बताते है कि इसी मामले की जड़े गत वर्ष न्यास के तीन आला अधिकारियों के घूस लेते पकड़े जाने वाले प्रकरण से भी जुड़ी हुई है।
न्यास के आला अधिकारियों की मनाही के बाद यह समूचा मामला ठंडे बस्ते में चला गया। जानकार बताते है कि इसी मामले की जड़े गत वर्ष न्यास के तीन आला अधिकारियों के घूस लेते पकड़े जाने वाले प्रकरण से भी जुड़ी हुई है।
तबादले से पूर्व की टिप्पणी न्यास सचिव व तहसीलदार के तबादले के बाद कार्यवाहकों के हाथ में कमान आने के बाद यह फाइल बाहर निकल आई। कार्यवाहक न्यास सचिव ने कलक्ट्रेट के उप विधि परामर्शदात्री को विधिक राय के लिए फाइल भिजवा दी, परामर्शदात्री ने अपने तबादले से कुछ दिन पहले टिप्पणी कर दी कि फाइल पर नियमानुसार नक्शे में बदलाव किया जा सकता है, इससे इस विवादित फाइल के फिर से पंख लग गए।
आनन फानन में बैठक
आनन फानन में बैठक
सीएम जन आवास कमेटी में शामिल अधीक्षण अभियंता, तहसीलदार व उपनगर नियोजक के गत छह जुलाई को अवकाश पर होने के बावजूद कमेटी की आनन-फानन में बैठक बुलाई गई। तीनों का चार्ज अन्य लिंक अधिकारियों को देकर योजना क्षेत्र का नक्शा बदलने का प्रारूप तैयार किया गया, लेकिन कमेटी के सदस्यों के इस प्रारूप व नक्शे पर साइन नहीं होने से मामला उलझ गया। इस पर जानकारों ने समूचे मामले को लेकर न्यास की बोर्ड बैठक बुलाने पर जोर दिया। इसके बाद अब न्यास की बोर्ड बैठक की तारीख तय करने की कोशिश की जा रही है। दूसरी तरफ कंपनी यानि संवेदक द्वारा नक्शे में बदलाव को लेकर पेश प्रस्ताव के आधार पर योजाना क्षेत्र के मुख्य मार्गों को भी तीन पट्टिकाओं में विभाजित करते हुए बड़ा फायदा संवेदक को पहुंचाने की तैयारी की जा रही है।
विधिक परामर्श ले रहे है ” नेहरू विहार सीएम जनआवास योजना न्यास की महत्वकांक्षी योजना है, निर्माण कार्य जल्द शुरू होना चाहिए, इस संदर्भ में संवेदक की तरफ से योजना क्षेत्र के नक्शे में बदलाव को लेकर प्रस्ताव पेश हुआ है। इस पर विधिक परामर्श लिया जा रहा है।
– महिपाल सिंह, सचिव, नगर विकास न्यास, भीलवाड़ा
– महिपाल सिंह, सचिव, नगर विकास न्यास, भीलवाड़ा