मंत्री कुमावत ने राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित समाचार को गंभीरता से लेते राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फैडरेशन लिमिटेड के महाप्रबन्धक (कार्मिक एवं प्रशासन) ललित कुमार मोरोड़िया से तत्काल आदेश निकालने व पालना के निर्देश दिए थे। हालांकि गोपालन विभाग ने 16 फरवरी 2023 तथा आरसीडीएफ ने 19 अक्टूबर 2023 को भी आदेश दिए लेकिन पालना डेयरी संघ नहीं कर रहा था। भीलवाड़ा डेयरी में तत्कालीन अध्यक्ष व पूर्व राजस्व मंत्री रामलाल जाट का हस्तक्षेप है। उनके नजदीकी 13 अधिकारी व कर्मचारी अभी कार्यरत हैं।
राजस्थान पत्रिका ने उठाया था मामला
राजस्थान पत्रिका ने 7 जुलाई 2023 को सेवानिवृति के बाद संविदाकर्मी बन डेयरी से उठा रहे मोटी तनख्वाह शीर्षक से समाचार प्रकाशित किए थे। तब राज्य में कांग्रेस सरकार होने व जाट के राजस्व मंत्री होने से आरसीडीएफ के आदेश नहीं माने जा रहे थे। अब कुमामत के निर्देश पर नए आदेश जारी हुए।
इनकी करनी होगी पालना
मोरोडिया ने आदेश में कहा कि सेवानिवृति के बाद संविदा पर तीन वर्ष पूरे कर चुके किसी भी कर्मचारी को संविदा पर पुनर्नियुक्ति नहीं दी जाए। संविदा अवधि केवल उतनी ही बढ़ेगी, जितने कि तीन वर्ष पूर्ण कर ले। ऐसे रिटायर्ड कर्मी को संविदा पर न लिया जाए जो 65 वर्ष या उससे आयु पार कर चुका। ठेकाप्रथा पर अनुमोदित एजेंसी या ठेकेदार के जरिए ऐसे किसी भी कार्मिक को नियोजित नहीं किया जाए, जिसने 65 वर्ष की आयु पूर्ण कर ली हो।
नियमों की नहीं हो रही पालना
भीलवाड़ा सरस डेयरी में नियमों की अनदेखी करते हुए संविदा व ठेकाकर्मियों से महत्वपूर्ण पदों पर सेवाएं ली जा रही है। एक दर्जन से अधिक कर्मचारी सेवानिवृति बाद भी बतौर संविदाकर्मी मोटी तनख्वाह उठा रहे हैं। ये कर्मचारी तीन साल से डेयरी में काम कर रहे हैं।
संविदा से नियुक्ति, लेकिन पद नहीं बदला
डेयरी में सेवानिवृित्त के बाद एक दर्जन कर्मचारी संविदा व एजेंसी के माध्यम 25 से अधिक कर्मचारी डेयरी में लगे हैं। ये अब भी पुराने पद पर कार्यरत हैं। इनमें कई अहम पदों पर लगे हैं। इससे भीलवाड़ा डेयरी को आर्थिक नुकसान हो रहा है। सभी संविदा पर लगे कर्मचारियों को आवास, वाहन आदि की सुविधा मिल रही है।