पार्षद बंसल ने इस्तीफे में लिखा कि अपने दल का बोर्ड होने के बावजूद उनके क्षेत्र में विकास के काम नहीं होते और निर्दलीय एवं गैर पार्षदों के वार्डों में कार्य अधिक हो रहे हैं। आरोप लगाया कि विधायक विट्ठलशंकर अवस्थी की मौजूदगी में सभापति ने उनकी एक नहीं सुनी और कहा कि तुम तो मेरी बुराइयां करो। बंसल ने कहा कि नगर परिषद में 27 माह से भाजपा बोर्ड है, लेकिन सभापति के रवैये से वार्ड 43 की हालत गंभीर और चिंताजनक हो चुके है। शहर के 70 वार्डों की निविदाएं 27 माह में लग चुकी है, लेकिन मेरे वार्ड 43 से लगातार भेदभाव हो रहा है। वार्ड में विकास नहीं होने के चलते मुझसे बीते दिनों वैभव नगर में लोगों ने अभद्र व्यवहार किया। हालात इतने बिगड़ गए कि मुकदमा तक दर्ज कराना पड़ा। इसकी जिलाध्यक्ष तेली व सभापति पाठक को भी जानकारी दी। विधायक अवस्थी व सभापति ने सहयोग नहीं किया। एक वर्ष पूर्व भी संगठन के समक्ष मुद्दा उठाया लेकिन समाधान नहीं निकला।
भेदभाव नहीं किया
वार्ड 43 में विकास को लेकर पार्षद से कोई भेदभाव नहीं किया। इनके वार्ड में डेढ करोड़ के विकास कार्य के टैंडर लगे हैं। ऐसे भी बजट के आधार पर ही काम होते हैं। कहीं कम तो कहीं ज्यादा काम हो सकते हैं। काम वहां की जरूरत के आधार पर तय होता है।
-राकेश पाठक, सभापति नगर परिषद
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समस्या दूर करेंगे-
पार्षद बंसल ने पार्टी के पदों से इस्तीफा सौंपा है। यह पार्टी का मामला है। जो भी समस्या है, उसका समाधान किया जाएगा। इससे पहले राजेशसिंह सिसोदिया ने भी इस्तीफा भेजा था। पार्षदों से चर्चा कर समस्या को दूर करेंगे।
-लादूलाल तेली, जिलाध्यक्ष भाजपा