भीलवाड़ा

Campaign: पुलिस से डरेें नहीं  बच्चे, बताए मन की बात

बच्चों के पास जाकर संवेदनशील मुद्दों पर उनसे दोस्ताना अंदाज में बात की, तो खुलकर मन की बात हुई

भीलवाड़ाSep 28, 2017 / 03:38 pm

tej narayan

राजस्थान पत्रिका के आओ करे बेटियों को जागरूक अभियान के तहत चित्तौड़ रोड स्थित विटी इंटरनेशनल स्कूल में जागरूकता कार्यशाला मेें बच्‍चों को संबोधित करती डीएसपी चंचल मिश्रा

भीलवाड़ा।
बच्चों के पास जाकर संवेदनशील मुद्दों पर उनसे दोस्ताना अंदाज में बात की, तो खुलकर मन की बात हुई। वक्ताओं के सवालों पर बच्चों की जिज्ञासाएं भी तुरन्त सामने आई। राजस्थान पत्रिका के ‘आओ करे बेटियों को जागरूक ‘ अभियान के तहत चित्तौड़ रोड स्थित विटी इंटरनेशनल स्कूल में जागरूकता कार्यशाला में ये नजारा दिखा।
 

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बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष डॉ. सुमन त्रिवेदी एवं माण्डल की पुलिस उप अधीक्षक चंचल मिश्रा ने ‘गुड टच-बैड टच ‘ के मुद्दों पर बच्चों से संवाद किया। बच्चों से पूछा गया कि क्या वे ‘गुड टच-बैड टच ‘ के बारे में जानते है तो अधिकतर बच्चे जागरूक दिखे। उन्होंने कहा कि यौन शोषण या बाल प्रताडऩा की स्थिति में पुलिस से डरने की जरूरत नहीं,बल्कि उसे अपना मित्र मान मन की बात बतानी चाहिए। त्रिवेदी ने बच्चों को चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि फोन में बैलेन्स नहीं होने पर भी बच्चें या अभिभावक इस फोन पर शिकायत दर्ज करा सकते है। बच्चों को बाल फिल्म ‘कोमल ‘ भी दिखाई गई। अतिथियों का स्वागत स्कूल के सीनियर कंसलटेन्ट मंजितसिंह संधू, प्राचार्य अनिल कश्यप एवं प्रधानाध्यापिका मारवीन चौधरी ने किया।
 

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करे सेव सर्किल का निर्माण
मिश्रा ने कहा कि प्रत्येक बच्चे को सेव सर्किल का निर्माण करना चाहिए। किसी भी कागज पर बनाए जा सकने वाले इस सर्किल में एेसे चार लोगों को फोटो व मोबाइल नम्बर होने चाहिए। इन पर उनको संकट की स्थिति में सर्वाधिक भरोसा रहता है। ये लोग माता,पिता, शिक्षक व अभिन्न मित्र हो सकते हैं। इस सेव सर्कि ल को हमेशा अपने पास रखे ताकि किसी तरह की परेशानी आने पर उनको मदद मिल सके। स्कूल एक के साथ एक दोस्त होना चाहिए। त्रिवेदी ने बच्चों को जागरूकता फिल्म दिखाने के साथ दैहिक शोषण रोकने के लिए बने पॉक्सो कानून की जानकारी दी। कहा कि पॉक्सो ई-बॉक्स भी बना है। इस पर कोई पीडि़त बच्चा या अन्य ई-मेल कर सकता है। बिना पहचान उजागर किए पुलिस पड़ताल करती है। पीडि़त नाबालिग को कभी थाना नहीं बुलाया जाता बल्कि उसकी सुविधा वाले सार्दी वर्दी में जाकर पुलिस बयान लेती है।

बच्चों ने डीएसपी चंचल मिश्रा से पूछा- आपने आसाराम को कैसे पकड़ा, डर नहीं लगा
बच्चों को जैसे ही पता चला कि डिप्टी एसपी चंचल मिश्रा की जोधपुर जेल में बंद आसाराम को इन्दौर से पकडऩे वाले में उनकी अहम भूमिका थी, वे उससे जुड़े सवाल पूछने लगे। बच्चों ने पूछा कि आसाराम को क्यों पकड़ा, पकड़ते हुए डर नहीं लगा जैसे सवाल दाग दिए। मिश्रा ने मुस्कराते हुए एेसे हर सवाल का जवाब दिया।

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